सावधान! कहीं आपको भी तो नहीं घर बैठे आ गया चालान, हो जाएं Alert

Tuesday, Dec 23, 2025-11:38 PM (IST)

जम्मू-कश्मीर डेस्क (तनवीर सिंह): साइबर अपराधियों द्वारा आम जनता को ठगने के लिए अब आरटीओ चालान (RTO Challan) के नाम पर नया जाल बिछाया जा रहा है। साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेंटर फॉर एक्सीलेंस, क्राइम ब्रांच जम्मू-कश्मीर ने RTO चालान APK फाइल स्कैम को लेकर अहम साइबर एडवाइजरी जारी की है।

एडवाइजरी में बताया गया है कि साइबर ठग SMS और व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी ट्रैफिक चालान या ई-चालान के मैसेज भेज रहे हैं। इन मैसेजों में RTOChallan.apk, e-Challan App जैसी संदिग्ध APK फाइल या लिंक होते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति इन्हें डाउनलोड या इंस्टॉल करता है, उसका मोबाइल फोन और व्हाट्सएप अकाउंट हैक हो सकता है।

 

ऐसे काम करता है ठगी का तरीका (Modus Operandi):

 

  • पीड़ितों को लंबित ट्रैफिक चालान या ई-चालान का झांसा दिया जाता है।
  • मैसेज में APK फाइल या संदिग्ध लिंक भेजे जाते हैं।
  • फाइल इंस्टॉल होते ही मोबाइल फोन हैक हो जाता है।
  • व्हाट्सएप अकाउंट पर ठगों का कब्जा हो जाता है।
  • इसके बाद पीड़ित के संपर्कों को धोखाधड़ी वाले मैसेज भेजे जाते हैं और बैंक खातों समेत संवेदनशील जानकारी तक पहुंच बना ली जाती है।

 

इन लाल संकेतों (Red Flags) से रहें सतर्क:

 

  • APK फाइल डाउनलोड करने के लिए कहा जाना।
  • अनजान नंबरों से खुद को RTO या ट्रैफिक पुलिस बताने वाले मैसेज।
  • जुर्माने या कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर जल्दबाजी बनाना।
  • फोन की सेटिंग में “Unknown Sources” चालू करने का दबाव।
  • बिना मांगे OTP आना।

 

साइबर पुलिस की सुरक्षा सलाह:

 

  • SMS या व्हाट्सएप से आई किसी भी APK फाइल को डाउनलोड न करें।
  • किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  • ट्रैफिक चालान की जानकारी केवल आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या ट्रैफिक पुलिस कार्यालय से ही जांचें।
  • ऐप्स केवल Google Play Store या Apple App Store से ही इंस्टॉल करें।
  • व्हाट्सएप में टू-स्टेप वेरिफिकेशन अवश्य चालू रखें।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अपने बैंक को दें।
  • साइबर अपराध की शिकायत 1930 हेल्पलाइन नंबर या www.cybercrime.gov.in पर दर्ज कराएं।

 

क्राइम ब्रांच ने स्पष्ट किया है कि RTO, ट्रैफिक पुलिस अथवा कोई भी सरकारी विभाग चालान भुगतान के लिए कभी भी APK फाइल नहीं भेजता। सभी वैध और आधिकारिक चालान केवल अधिकृत सरकारी पोर्टलों के माध्यम से ही जारी किए जाते हैं। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार के लालच, दबाव या धमकी में आकर ऐसे लिंक या फाइलों पर क्लिक न करें।

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Content Editor

VANSH Sharma

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