Spa Centre गोलीकांड मामला : बदले गए थे युवतियों के खून से लथपथ कपड़े... एक-एक कर खुल रहे सभी राज

Thursday, Sep 25, 2025-07:20 PM (IST)

जम्मू  :  21 अगस्त को सैनिक कालोनी में स्थित फिजियोथैरेपी सैंटर में हुई गोलीबारी व इस दौरान एक युवती की हुई मौत के मामले में क्राइम ब्रांच द्वारा जांच की जा रही है। जांच में सामने आया है कि वारदात के लगभग एक माह बाद मामला दर्ज होने के कारण आरोपियों द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी। खून के धब्बे मिटा दिए गए थे, घायल तीनों युवतियों के कपड़े भी बदले गए थे। सूत्रों की मानें तो क्राइम ब्रांच ने सैंटर की जांच के दौरान दीवार पर लगे गोलियों के निशान पाए। सूत्रों की मानें तो गोलीकांड से कुछ समय पहले ही सेंटर से एक अन्य युवती बाहर निकली थी, जिसकी पहचान ज्योति उर्फ विशानी के रूप में की गई। क्राइम ब्रांच ने युवती को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की। युवती से कई अहम जानकारियां जांच टीम को मिली हैं। सूत्रों की मानें तो गोलीकांड के उपरान्त घायल युवतियों को अस्पताल पहुंचाने से पहले खून से लथपथ उनके कपड़े बदले गए थे। यह कपड़े ज्योति लाई थी।

गौरतलब है कि 21 अगस्त को हुई इस वारदात का मामला 17 सितम्बर को पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था। शुरूआत में फिजियोथैरेपी सैंटर चलाने वाले नवीन और सुखविन्द्र ने इसे सड़क दुर्घटना बताकर 3 अस्पतालों के स्टाफ व पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया था। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने नवीन बक्शी और सुखविन्द्र पाल सिंह को गिरफ्तार किया था। हालांकि मामले से पर्दा उठने के बाद पुलिस अधिकारियों ने संबंधित थाना प्रभारी सहित 3 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।

फिजियोथैरेपी सैंटर में जाने के लिए हैं 2 रास्ते

सैनिक कालोनी सैंटर-ए में स्थित जिस ईमारत में फिजियोथैरेपी सेंटर चलाया जा रहा था वह ईमारत पुलिस के एक सेवानिवृत आला अधिकारी की बताई जा रही है, जिसे किराए पर लिया गया था। इस ईमारत के अंदर जाने के लिए जहां मुख्य गेट सड़क की तरफ से है वहीं पीछे से भी एक छोटा गेट है। स्थानीय लोगों की मानें तो उन्होंने ईमारत में किसी भी तरह के फिजियोथैरेपी सैंटर या फिर स्पा सैंटर का बोर्ड लगा नहीं देखा। न ही उन्हें इस बात की कोई भनक लगी कि उनके पड़ोस में कोई फिजियोथैरेपी सैंटर चलाया जा रहा है। लोगों का कहना था कि ईमारत को नवीन बक्शी ने किराए पर लिया हुआ था। ईमारत में आने वाले लोग अकसर पिछले दरवाजे से भीतर जाते थे। सोचने वाली बात यह है कि अगर यहां पर कोई फिजियोथैरेपी सैंटर नहीं था, तो यहां पर बाहरी राज्यों की युवतियां क्या कर रही थीं। इसके अतिरिक्त अगर यह ईमारत किराए पर ली गई थी तो क्या इसकी वैरीफिकेशन संबंधित पुलिस से करवाई गई थी और अगर नहीं करवाई गई थी तो इसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

क्या है मामला..

21 अगस्त को दो युवक नवीन बक्शी और सुखविन्द्र 3 युवतियों को घायल अवस्था में छन्नी में मैडीसिटी अस्पताल में लेकर गए। दोनों ने इसे सड़क दुर्घटना का मामला बताया। अस्पताल स्टाफ द्वारा इसकी जानकारी छन्नी पुलिस को भी दी गई परन्तु पुलिस की ढीली जांच प्रणाली के कारण यह मामला दबा रहा। घायल युवतियों को इसके बाद बत्तरा अस्पताल और उसके बाद जी.एम.सी. जम्मू में शिफ्ट किया गया। जहां एक युवती महजबीन उर्फ मुस्कान निवासी मुंबई ने दम तोड़ दिया। जांच में पता चला कि सैनिक कालोनी में किराए के एक घर में पिछले कुछ समय से फिजियोथैरेपी सैंटर चलाया जा रहा था। जहां 21 अगस्त को एक अज्ञात व्यक्ति आया और ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीकांड में 3 युवतियां गंभीर रूप से घायल हो गईं जिनकी पहचान महजीन अली शेर उर्फ मुस्कान व उसकी बहन फातिमा अकील दोनों निवासी मुंबई तथा जसप्रीत कौर निवासी पंजाब के रूप में की गई है। मुस्कान की जी.एम.सी. में मौत हो गई थी। मामले को दबाने के लिए सैंटर चलाने वाले लोगों ने इसे सड़क दुर्घटना का रंग दिया। वहीं लगभग एक माह बाद मामला गोलीकांड का निकलने के बाद 17 सितम्बर को पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच क्राईम ब्रांच को सौंपी। क्राईम ब्रांच सैंटर चलाने वाले दोनों आरोपियों, मृतक युवती की बहन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। अब एक अन्य युवती का नाम सामने आने पर उसे भी क्राईम ब्रांच ने हिरासत में ले लिया है। जल्द ही मामले का पर्दाफाश होगा।

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Content Editor

Neetu Bala

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