इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का नारा देने वाली PDP खुद जम्हूरियत के जश्न से दूर क्यों?

Tuesday, Sep 17, 2024-03:27 PM (IST)

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जम्हूरियत के इस जश्न में सभी राजनीतिक दल शामिल हो गए हैं लेकिन मरहूम मुफ्ती मोहम्मद सईद की पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) उदासीन दिख रही है। इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का नारा देने वाली पार्टी खुद जम्हूरियत के जश्न से दूर रहकर अकेले चुनाव लड़ रही है।

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पी.डी.पी. की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जो चुनाव से पहले चुनाव की मांग करते नहीं थकती थीं लेकिन आज चुनाव आने पर इतनी उदासीन हो गई हैं कि खुद चुनाव नहीं लड़ रहीं। महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती को चुनाव मैदान में उतारा गया है। इंडिया गठबंधन की हिमायती महबूबा मुफ्ती ने गठबंधन के सहयोगी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस से दूरी बना ली है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पी.डी.पी. ने 3 साल तक भाजपा के साथ गठबंधन की सरकार चलाई थी। इस विधानसभा चुनाव से पहले जब तमाम बड़े दलों ने सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी तो पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अकेले पी.डी.पी. के दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए अपने उम्मीदवार उतार दिए।

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महबूबा मुफ्ती की पी.डी.पी. ने 40 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं लेकिन इस बार पार्टी में पी.डी.पी. के दिग्गज तारिक हमीद कर्रा नहीं होंगे क्योंकि वे पी.डी.पी. छोड़ चुके हैं और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं। वहीं पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे मुजफ्फर हुसैन बेग ने पी.डी.पी. से दूरी बना ली है जबकि अल्ताफ बुखारी भी अपना अलग दल बना चुके हैं। इन नेताओं के बिना पी.डी.पी. को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

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महबूबा मुफ्ती के भाई तस्सदुक मुफ्ती भी नहीं आए साथ

वर्ष 2014 में भाजपा-पी.डी.पी. की सरकार में जब महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं तो वह मुम्बई में रह रहे अपने भाई तस्सदुक मुफ्ती को राजनीति में ले आईं जो मुम्बई में काफी समय से फिल्मों का निर्माण कर रहे थे। निर्माता-निर्देशक के तौर पर काम कर रहे तस्सदुक भले ही राजनीतिक परिवेश में पले-बढ़े हों लेकिन उनकी राजनीति में इतनी दिलचस्पी नहीं थी। फिर भी वह अपनी बहन के लिए राजनीति में आए और जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्री भी बने। भाजपा के समर्थन वापस लेने पर सरकार गिर गई और महबूबा के भाई भी अपने पुराने पेशे की ओर चल दिए। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

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इल्तिजा मुफ्ती पार्टी को मजबूत करने के लिए राजनीति में कूदीं

पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की दोहती इल्तिजा मुफ्ती अपने नाना द्वारा बनाई गई पार्टी को मजबूत करने के लिए राजनीति के मैदान में कूद चुकी हैं। अब देखना यह है कि अपने नाना मुफ्ती मोहम्मद सईद व पी.डी.पी. की साख को कहां तक मजबूत करने में सफल रह पाती हैं।

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Content Writer

Sunita sarangal

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