बाबर कादरी ह/त्याकांड : पुलिस की बड़ी कार्रवाई, हुर्रियत से जुड़े इस शख्स को किया गिरफ्तार
6/25/2024 5:23:42 PM
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श्रीनगर(मीर आफताब): श्रीनगर बार काउंसिल का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके वरिष्ठ अधिवक्ता मियां कयूम को कश्मीरी वकील एडवोकेट बाबर कादरी की हत्या से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया है।रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ कश्मीर अधिवक्ता और अलगाववादी नेता मियां क्यूम को आज जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अधिवक्ता बाबर कादरी हत्या मामले में गिरफ्तार किया है। मियां क्यूम ने कई कार्यकालों तक कश्मीर में उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है और अलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में लंबे समय तक इस संगठन का प्रतिनिधित्व किया है। बता दें कि सितंबर 2020 में अज्ञात आतंकवादियों ने बाबर कादरी की उनके श्रीनगर स्थित आवास पर हत्या कर दी थी और मामले की जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने की थी। पिछले साल, राज्य जांच एजेंसी ने अधिवक्ता बाबर कादरी के हत्यारों के बारे में जानकारी देने के लिए 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी।
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एस.आई.ए. ने एक नोटिस में कहा है कि श्रीनगर के जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता स्वर्गीय बाबर कादरी की हत्या में शामिल व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वालों को 10 लाख का नकद इनाम देने की घोषणा की गई है, जिनकी 24 सितंबर, 2020 को आतंकवादियों ने उनके आवास पर हत्या कर दी थी। अप्रैल 2022 में, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हत्या के सिलसिले में मियां अब्दुल क्यूम सहित श्रीनगर के तीन वकीलों के घरों पर छापेमारी की। अधिवक्ता बाबर कादरी को 24 सितंबर, 2020 को शाम करीब 6:20 बजे उनके सेलफोन पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने बाबर को अपने घर से बाहर आने के लिए कहा क्योंकि उसे किसी दुर्घटना से संबंधित मामले पर चर्चा करनी थी। जब बाबर बाहर आया, तो उसके सिर में कई बार गोली मारी गई, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे कश्मीर घाटी में एक वकील के रूप में उसका अल्पकालिक करियर समाप्त हो गया। कश्मीर में सत्ता के गलियारों और श्रीनगर बार काउंसिल को निशाना बनाने के लिए अक्सर विवादों में रहने वाले बाबर ने अपनी हत्या से कुछ घंटे पहले ही हाईकोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष मियां क्यूम पर हमला बोला था। सोशल मीडिया पर प्रसारित अपने वीडियो में उन्होंने बार से जुड़े अज्ञात वकीलों पर उन्हें मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। हालांकि, बार से जुड़े वकीलों ने उनके दावों को खारिज करते हुए कहा कि हत्या में उनकी कोई भूमिका नहीं है। अपने आखिरी ट्वीट में बाबर ने श्रीनगर बार काउंसिल की आलोचना करने के बाद एक ऑनलाइन धमकी का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया था।
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बाबर ने ट्वीट किया था कि वह राज्य पुलिस प्रशासन से इस शाह नजीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आग्रह करता हैं, जिसने गलत अभियान चलाया है कि वह एजेंसियों के लिए काम करता हैं। यह गलत बयान उसकी जान को खतरा पहुंचा सकता है। कादरी के करियर का चरम 2010 के नागरिक विद्रोह में देखने को मिला, जब उन्होंने उस साल और उसके बाद के वर्षों में कई किशोरों के मामलों के लिए अभियान चलाया और कानूनी रूप से लड़ाई लड़ी। बाबर कादरी की वजह से अन्याय के कई मामले सामने आए। कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पत्थरबाजी के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए फैजान अहमद (तब 12 वर्ष) का मामला भी ऐसा ही है।
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उनके करीबी दोस्तों और सहयोगी वकीलों का कहना है कि एक वकील के रूप में अपने 13 साल के करियर में कादरी ने प्रदर्शनकारियों से जुड़े सैकड़ों मामलों की पैरवी की थी। उनके बचपन के दोस्त और पड़ोसी ने कहा कि अधिकांश समय बाबर ने प्रदर्शनकारियों के परिवारों से फीस नहीं ली। उन्होंने पूरे दिल से उनके मामलों की पैरवी की। बाबर अक्सर अपने ऑनलाइन वीडियो में कश्मीर समर्थक रुख की वकालत करता था, जिसकी अच्छी तरह से वित्तपोषित हित समूहों द्वारा आलोचना की जाती थी। नतीजतन, उसे कई बार उपहास और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।