Mahashivratri पर इस मंदिर में करें भोलेनाथ के दर्शन, हर मनोकामना हो जाएगी पूरी

Tuesday, Feb 25, 2025-05:47 PM (IST)

बसोहली(सुशील सिंह): बसोहली से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर पलाही क्षेत्र में राजाओं के समय का प्राचीन शिव मंदिर है। इसे महादेरा त्रिलोचन नाथ महादेव मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर के बारे मे लोगों के अलग-अलग मत हैं। कोई इसे राजाओं के समय का मंदिर बताते हैं तो कोई इसे पाण्डवों के अज्ञातवास के दौरान के समय का मंदिर बताते है, जिसका निर्माण पाण्डवों द्वारा भी करवाया गया हो सकता है।

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मंदिर के पुजारी महंत पृथ्वी नाथ के अनुसार महादेरा मंदिर वर्षों पुराना है। इसे बने हुए कई सदियां बीत चुकी है। मंदिर का निर्माण उस समय के राजा ने करवाया था। मंदिर में विशेष पत्थरों और ठोस धातु का प्रयोग किया गया है। पुजारी ने बताया कि एक बार बुजुर्ग किसान खेत में हल चला रहे थे कि अचानक उसके हल का कुछ हिस्सा जमीन में धंस गया और खेत से खून निकलने लगा।

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लोगों द्वारा उस स्थान पर पूजा अर्चना की जाने लगी। शिवलिंग का आकार जैसे-जैसे बढ़ता गया वैसे ही लोगों द्वारा उसकी पूजा अर्चना और मान्यता में वृद्धि होने लगी। महादेरा मंदिर में जलाभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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शिवरात्रि पर इन दोनों मंदिरों में होती है चार प्रहर पूजा

महाशिवरात्रि पर मंदिरों में चार प्रहर की विशेष पूजा अर्चना होती है। यहां रात की पूजा में चार प्रहर तक रुद्राभिषेक के साथ-साथ मंत्र उच्चारण और पूरे रीति रिवाज के साथ विद्वान पंडित व पुजारी इस पूजा को संपन्न करवाते हैं। मंत्र उच्चारण की गूंज से शिव भक्तों को एक अलग अनुभूति होती है। मान्यता है कि इस चार प्रहर पूजा का फल पूरे वर्ष की पूजा के बराबर का होता है। इस पूजा के संपन्न होने के बाद महा आरती होती है और प्रसाद बांटा जाता है।

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Content Writer

Sunita sarangal

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