J&K में लाखों पद खाली... फिर भी पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार, हैरान कर देंगे ये आंकड़े
Wednesday, Apr 16, 2025-07:58 PM (IST)

जम्मू (उदय) : जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में बनी लोकतांत्रिक सरकार के लिए युवाओं को रोजगार देना बड़ी चुनौती है। केंद्र शासित प्रदेश में 3 लाख 70 हजार 811 युवाओं ने जनवरी 2025 तक रोजगार पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाया है। इतनी बड़ी संख्या में कम पढ़े-लिखे युवाओं से लेकर उच्च शिक्षा हासिल किए बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया करवाना लोकतांत्रिक सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है, जबकि मौजूदा समय में सिर्फ 32 हजार पद विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पड़े हुए हैं।
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श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से प्रदान की गई जानकारी के अनुसार 5 जनवरी 2025 तक जेएकेईएमपी.एनआईसी.पद पर स्वैच्छिक पंजीकरण करवा जा रहा है जिसमें 3,70,811 बेरोजगार युवा हैं जिनमें इंजीनियर डिग्री और डिप्लोमा धारक युवा भी शामिल हैं। जिला रोजगार एक्सजेंच कार्यालय में 12वीं तक के 2,24,495, स्नातक 66,628, पोस्ट ग्रेजुटए 47114, डिग्री धारक 15,396, डिप्लोमा धारक 9884, ड्राफ्टसमैन 1589, आई.अी.आई ट्रेंड 2883 और आई.टी.आई के अलावा कौशल हासिल किए 1021 युवाओं ने पंजीकरण करवाया है। इन युवाओं को आस है कि सरकार की ओर से पदों को भरने के लिए जब आवेदन मांगे जाएंगे तो वे अपना आवेदन प्रस्तुत करेंगे।
मिशन युवा में दर्ज हैं 4,73,936
मिशन युवा के तहत के तहत जम्मू-कश्मीर में किए गए सर्वे के अनुसार 24594 निरक्षर, मध्यम साक्षर 828, प्राइमरी से नीचे 1745, प्राइमरी तक 10994, मिडल 44908, सकेंडरी तक 95914, हायर सेकेंडरी तक 126059, ग्रेजुएट 98466 और 70428 पोस्ट ग्रेजुएट दर्ज किए गए हैं। सरकार ने पिछले दिनों माना था कि 32,474 पद विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े हुए हैं जिनमें 2503 राजपत्रित, 19214 नान गजटेड और 10755 मल्टी टास्क पद शामिल हैं।
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काम के इच्छुक यह नागरिक
सर्वे में 18 से 60 वर्ष की आयु से जानकारी ली गई जिसमें 64.8 लाख का सर्वे किया गया जिसमें 4.73 लाख नागरिकों ने माना कि वे काम नहीं कर रहे हैं परन्तु चाहते हैं कि काम करें। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि युवा रोजगार चाहते हैं ताकि वे काम करें। हालांकि सरकार को बने अभी 6 माह का समय हुआ है, परन्तु युवाओं को रोजगार मुहैया करवाना सबसे बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी सरकारी नौकरी के बजाय रोजगार के अन्य साधन एवं अवसर उपलब्ध करवाने की बात कही है ताकि युवाओं को रोजगार मुहैया करवाया जा सके। लेकिन 6 माह बीत जाने के बावजूद अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है।
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