जीत-हार के बाद राजनीतिक दलों ने शुरू किया आत्ममंथन, कमियों को ढूंढने की हो रही कोशिश

Sunday, Oct 27, 2024-04:48 PM (IST)

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद अब जब केंद्र शासित प्रदेश में नैशनल कांफ्रैस-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने कामकाज शुरू कर दिया है। वहीं चुनावों में हार और जीत दर्ज करने वाले राजनीतिक दलों ने कमियों का अवलोकन/आत्ममंथन करना शुरू कर दिया है। हार दर्ज करने वाले जहां अपने हार के कारणों का पता लगा रहे हैं वहीं जीत दर्ज करने वाले दल उन कमियों को ढूंढ रहे हैं जहां उनके उम्मीदवार विजय दर्ज नहीं करवा सके।

नैशनल कांफ्रैस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी ने हार के कारणों का पता लगाने के लिए कमेटी का गठन कर कार्यकर्त्ताओं से सुझाव लेना शुरू कर दिया है ताकि पार्टी की कमियों का पता लगाया जा सके। कांग्रेस विधानसभा चुनावों में जम्मू संभाग में केवल एक सीट जीतने में कामयाब रही जबकि शेष पर उसे हार का सामना करना पड़ा। हालांकि हार के तीन प्रमुख कारण जिसमें देरी से उम्मीदवारों की घोषणा, व्यापक चुनाव प्रचार न होना और टिकट वितरण में सही जगह का चयन न होना प्रमुख रहा है।

इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि आखिर पार्टी की कहां कमियां रह गईं। इसी तरह दूसरे दल पीडीपी, अपनी पार्टी, जेके पीपुल्स् कांफ्रैस, आवामी इत्तेहाद पार्टी भी अपने हार के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई हैं।

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दूसरी तरह 29 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर ही भारतीय जनता पार्टी ने भी आत्ममंथन करना शुरू कर दिया है कि जो सीटें वह जीत सकती थी, परन्तु अंतिम समय वह जीत नहीं पाई उनके कारणों का पता लगाया जा सके। भाजपा को उम्मीद थी कि 30 से 35 सीटें उसके पक्ष में आएंगी लेकिन कुछ स्थानों पर टिकट वितरण को लेकर चयन सही न होने के कारण उम्मीदवार दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे, जबकि पार्टी को उम्मीद थी कि उक्त उम्मीदवार जीत दर्ज करवाएंगे। जिन स्थानों पर उम्मीदवार हार गए, उन्हें टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाने वालों से भी पूछा जा सकता है। बताया जा रहा है कि पार्टी को चाहे 29 सीटें मिलीं हों, परन्तु केंद्रीय नेतृत्व इससे संतुष्ट नहीं है।

केंद्र को उम्मीद थी कि पार्टी प्रदेश में अपनी सरकार बनाएगी, परन्तु ऐसा नहीं हो सका। जिन स्थानों पर भाजपा से बागी हुए उम्मीदवारों ने चुनाव लड़े और दूसरे नंबर पर रहे, उन पर भी आत्ममंथन किया जा रहा है। आखिर किस वजह से जातीगत समीकरणों को देखते हुए भी टिकट आबंटन एवं सही रणनीति न होने के कारण उम्मीदवार हार गए। ऐसे में पार्टी आगे क्या कार्रवाई करती है, उसका आने वाले दिनों में पता चलेगा।

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Content Editor

Neetu Bala

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