खुलासा: भारतीय सीमा पर लश्कर आतंकियों की हलचल, जानें क्या है पाकिस्तान का अगला Master Plan ?
Friday, Dec 19, 2025-04:29 PM (IST)
कठुआ (राकेश) : लश्कर-ए-तैयबा के 5 से 6 खूंखार आतंकी पाकिस्तान के लॉन्चिंग पैड्स पर डेरा डाले हुए हैं। ये सिर्फ घुसपैठ की कोशिश नहीं है, बल्कि इसके पीछे छिपा है पाकिस्तान का एक नया और खतरनाक 'मास्टर प्लान'। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी रेंजरों की छत्रछाया में ये आतंकी कठुआ के तरनाह और बेईं नाला जैसे दुर्गम रास्तों से भारत में दाखिल होने की फिराक में हैं। कठुआ जिले की पाकिस्तान के साथ लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार लश्कर-ए-तैयबा के 5 से 6 आतंकी लॉन्चिंग पैड पर डेरा डाले हुए हैं, जो पिछले कुछ दिनों से घुसपैठ की ताक में हैं। जानकारी के अनुसार आतंकियों के इस प्रयास को सफल बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा के पास पाकिस्तानी रेंजरों की गतिविधि भी पहले की तुलना में बढ़ गई है, विशेषकर कठुआ जिले के तरनाह नाला और बेईं नाला जैसे घुसपैठ मार्गों पर पाक रेंजरों की गतिविधि पिछले कुछ दिनों से बढ़ी है। जो आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए मौके की तलाश में हैं।
5 से 6 आतंकियों का समूह इस समय पाकिस्तान के सुखमल गांव में जो हीरानगर सैक्टर के बोबिया और टप्पन के सामने है और इसी तरह पाकिस्तान का मसरूर बड़ा भाई जो हीरानगर के पहाड़पुर सैक्टर, पान्सर और मन्यारी के सामने स्थित लॉन्चिंग पैड पर डेरा डाले हुए है। तरनाह नाला, शाप नाला, भाग नाला से उज्ज दरिया और बेईं नाला दशकों से सीमा पार से घुसपैठ के लिए अति संवेदनशील माना जाता है। पूर्व को अगर दोहराया जाए तो उक्त नालों से घुसपैठ होती रही है, ऐसे में अब भी संभावना बनी हुई है। आतंकी उक्त मार्गों से घुसपैठ करने के बाद हीरानगर स्थित हाईवे से होकर कंडी क्षेत्र से घाटी, जुथाना सुफैन से बिलावर के रामकोट से होते हुए ऊधमपुर व डोडा के पहाड़ों में पहुंचते हैं। उक्त मार्गों पर घने जंगल होने से जहां पर इनको ओ.जी.डब्ल्यू. भी मिलते हैं। जो इनको खाना भी उपलब्ध कराते हैं। पिछले कुछ दिनों से संदिग्ध दिखने की सूचनाएं भी सुरक्षा बलों को मिल रही हैं, जिसके बाद बिना समय गंवाए सुरक्षा बल वहां तलाशी अभियान चला रहे हैं।
2 दिन पहले सुफैन और जुथाना के घने जंगलों में पुलिस ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इसी को देखते हुए जिला कठुआ में पिछले 15 दिनों से लगातार जिला पुलिस सभी संभावित नालों और घुसपैठ मार्गों पर गश्त, चैकिंग, तलाशी अभियान को चलाए हुए हैं, ये अभियान सीमा से लेकर पहाड़ों तक लगातार जारी है, जिसकी देखरेख खुद डी.आई.जी. शिव कुमार शर्मा कर रहे हैं।
गत दिवस भी डी.आई.जी. ने एस.एस.पी. कठुआ के साथ जिले के कई क्षेत्रों का औचक दौरा किया और संभावित घुसपैठ मार्गों पर सुरक्षा नाके बढ़ाने के निर्देश दिए।
डी.आई.जी. ने शांति और सुरक्षा बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और उभरती चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभिन्न सुरक्षा एजैंसियों के बीच घनिष्ठ समन्वय के महत्व को रेखांकित किया।
शर्मा ने बलों की तैनाती की समीक्षा की और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए संवेदनशील और असुरक्षित क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात करने का आदेश दिया। उन्होंने संभावित सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए खुफिया जानकारी जुटाने और सूचना के समय पर आदान-प्रदान को मजबूत करने पर भी जोर दिया। डी.आई.जी. ने अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखने और सुरक्षा जांच एवं गश्त तेज करने के निर्देश दिए, उन्होंने बिलावर के कोमला टॉप का भी दौरा किया।
इसके अलावा डी.जी. बी.एस.एफ. भी अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दौरा कर सुरक्षा की समीक्षा कर चुके हैं।
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