J&K चुनावों से कश्मीरी पंडितों को क्या है उम्मीद? घर वापसी को लेकर जानें उनके विचार
Wednesday, Sep 04, 2024-04:04 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर ( रविंदर ) : जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनावों में कश्मीरी पंडितों की रिहैबिलिटेशन एक बार फिर से बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है। सभी राजनीतिक दल कश्मीरी पंडित वोटरों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे उनकी घर वापसी के लिए एक ठोस योजना बनाएंगे और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को विधानसभा के लिए तीन सदस्यों को नामित करने का अधिकार है, जिसमें से दो कश्मीरी प्रवासी और एक पीओके से विस्थापित व्यक्ति होगा। नामित किए जाने वाले कश्मीरी प्रवासियों में से एक महिला होगी। इस व्यवस्था के तहत कश्मीरी पंडितों को विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है।
कश्मीर पंडितों की सुरक्षा, विस्थापन और रोजगार जैसे मुद्दे धारा 370 हटने से पहले और बाद में जम्मू-कश्मीर में हमेशा से सबसे बड़े मुद्दे रहे हैं। अब जब केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो कश्मीरी पंडित समाज के लोगों की चुनावों को लेकर क्या सोच है।
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कश्मीरी पंडितों के लिए दो नामित सीटें आरक्षित की गई हैं। वहीं, भाजपा ने कश्मीर घाटी में दो कश्मीरी पंडित उम्मीदवारों को जगह है। हालांकि अभी तक भाजपा का घोषणा पत्र जारी नहीं हुआ है। बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के एलायंस और पीडीपी ने अभी तक कश्मीरी पंडित उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है लेकिन दोनों पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का विशेष जिक्र किया है।
जम्मू के बूटा नगर में रह रहे कश्मीरी विस्थापितों ने कहा कि वह घर वापसी तो चाहते हैं लेकिन वहां पर सुरक्षा के पूरे इंतजाम नहीं हैं। पीएम पैकेज के तहत लगे नौजवान भी मुस्लिमों में घरों पर किराए में रह रहे हैं, वहीं हम लोग कश्मीर के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं और अपने उम्मीदवार चुने हैं लेकिन हम लोग जम्मू में रह रहे हैं जो मुश्किल हमें यहां पर आ रही उसका कोई समाधान नहीं हो पाया है, वहीं जितनी भी सरकार आई है उनके पास की पॉलसी नहीं है और न ही रोड मैप है। यह चाहती ही नहीं कि कश्मीर पंडित घर वापसी करें यह सिर्फ हम लोगों को लेकर राजनीति कर रहे हैं।
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