Supreme Court के फैसले ने अध्यापकों की बढ़ाई चिंता, शिक्षक संघ ने सरकार को लिखा Letter

Sunday, Sep 21, 2025-05:45 PM (IST)

जम्मू  :   सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सेवा में कार्यरत शिक्षकों के लिए सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (सी.टी.ई.टी) पास करना अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना और शिक्षण पेशे में एकरूपता लाना बताया गया है।  हालांकि, जम्मू-कश्मीर के शिक्षक इस फैसले को चुनौतीपूर्ण मान रहे हैं। शिक्षक संघों का कहना है कि सरकारी शिक्षक पहले ही राज्य की भर्ती प्रक्रियाओं से होकर नियुक्त किए गए हैं और उनकी योग्यता मान्यता प्राप्त है। कई शिक्षक दशकों से कठिन और दूरदराज इलाकों में पढ़ा रहे हैं। अब उन्हें नया टेस्ट पास करने की मांग किए जाने से मनोबल प्रभावित हो रहा है।

एक शिक्षक ने कहा कि“हम शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह टेस्ट केवल नए उम्मीदवारों पर लागू होना चाहिए। अनुभवी शिक्षकों को इस तरह परखा जाना अनुचित लगता है।” 

शिक्षक संघ ने सुझाव दिया है कि वरिष्ठ शिक्षकों के लिए वर्कशॉप्स, रिफ्रेशर कोर्स और प्रदर्शन मूल्यांकन जैसे विकल्प अपनाए जाएं। संघ के नेता गणेश खजूरिया ने कहा, “शिक्षकों को दंडित करने के बजाय, उन्हें समर्थन और कौशल विकास का अवसर देना चाहिए।”

C.T.E.T. का महत्व:

C.T.E.T. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई) द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी स्कूलों में केवल योग्य शिक्षक ही पढ़ाएं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह टेस्ट अब सभी सेवा में कार्यरत शिक्षकों पर लागू होगा, न कि केवल नए उम्मीदवारों पर।

शिक्षक संघ की प्रतिक्रिया:

जम्मू-कश्मीर शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व को पत्र भेजकर अपने विरोध और सुझाव पेश किए हैं। उन्होंने लचीलापन और अनुभवी शिक्षकों के लिए छूट की मांग की है। संघ का कहना है कि बिना उचित लचीलापन के आदेश से मनोबल गिर सकता है और दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षण पेशे को अपनाने में हतोत्साह होगा।

विशेषज्ञों का दृष्टिकोण:

कुछ शिक्षा विशेषज्ञों ने फैसले की सराहना की है। उनका कहना है कि शिक्षकों का मूल्यांकन आवश्यक है और यह अनुभव को कमतर किए बिना गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। इससे लंबे समय में छात्रों को लाभ होगा।

शिक्षक संघ ने सुझाव दिया है कि सी.टी.ई.टी केवल नए शिक्षकों के लिए अनिवार्य किया जाए, जबकि अनुभवी शिक्षकों को प्रशिक्षण और पेशेवर विकास के अवसर मिलें।

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Content Editor

Neetu Bala

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