जम्मू-कश्मीर में Hospitals व Nursing Homes के लिए जारी हुए सख्त आदेश

Thursday, Nov 21, 2024-07:40 PM (IST)

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों, नर्सिंग होम्स और डायग्नोस्टिक सैंटर्स को मरीजों, स्टाफ और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए फायर फाइटिंग सस्टिम को मजबूत बनाने के नर्दिेश दिए गए हैं। इसके तहत हर अस्पताल में आग से बचाव के लिए आवश्यक उपकरणों की जांच और उनकी समय पर मुरम्मत सुनश्चिति की जाएगी। गौरतलब है कि 6 दिन पहले उत्तर प्रदेश के झांसी में एक अस्पताल में आगजनी की घटना से लगभग 11 शिशुओं की मौत हो गई थी। आगजनी से बचने को लेकर व्यापक बंदोबस्त न होने के चलते इतना बड़ा हादसा पेश आया। इसी के मद्देनजर जम्मू कश्मीर फायर एंड इमरजेंसी विभाग ने अस्पतालों, नर्सिंग होम इत्यादि को अपने सुरक्षा उपकरणों को लेकर एडवाइजरी जारी की है। गनीमत है कि अभी तक जम्मू के इन अस्पतालों में ऐसी किसी घटना नहीं हुई है।

जीएमसी में पुख्ता प्रबंध

गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज जम्मू के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट, डॉक्टर नरिंदर सिंह भुट्याल ने बताया कि उनके अस्पताल में 1000 से अधिक बैड हैं। अस्पताल की 5 मंजिला इमारत में फायर अलार्म सस्टिम लगाए गए हैं। उनके पास लगभग 2 लाख लीटर पानी का स्टॉक हमेशा उपलब्ध रहता है। प्रशक्षिति स्टाफ को विशेष रूप से फायर इमरजैंसी से निपटने के लिए तैयार किया गया है। फायर फाइटिंग उपकरणों की समय-समय पर जांच की जाती है, ताकि उनकी कार्यक्षमता सुनश्चिति की जा सके।

जिला स्तर पर नियमित निरीक्षण

डिप्टी डायरैक्टर (डैंट्ट्रिरी) डॉक्टर संजय शर्मा ने कहा कि वे जम्मू डिवीजन के सभी सी.एच.सी. और जिला अस्पतालों को फायर व सेफ्टी ऑडिट के नर्दिेश देते हैं, ताकि फायर सेफ्टी उपायों का सख्ती से पालन सुनश्चिति किया जा सके। वे नियमित निरीक्षण करते हैं और यह सुनश्चिति करते हैं कि फायर व इमरजैंसी नॉर्म्स का पालन हो रहा है। यदि किसी तरह की कमी पाई जाती है तो संबंधित विभाग को तुरंत सूचित किया जाता है। साथ ही स्टाफ को आपातकालीन परस्थितियों में काम करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा वे अस्पतालों में उन्नत फायर फाइटिंग सस्टिम लगाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।

अस्पतालों के लिए फायर सेफ्टी के निर्देश

जम्मू-कश्मीर फायर एंड इमरजैंसी सर्विस डिपार्टमैंट ने अस्पतालों को कुछ खास दिशा-निर्देश जारी किए हैंः

1. मरीज वार्ड और सामान्य क्षेत्रों में फायर अलार्म, स्मोक डिटैक्टर, फायर हाइड्रेंट और फायर एक्सटग्विंशर का नियमित रखरखाव।
2. बिजली के अधिक लोड को रोकने के लिए नियमित विद्युत लोड ऑडिट।
3. पुराने भवनों में विद्युत भार की दोबारा जांच।
4. ऑक्सीजन टैंकों और पाइपलाइनों के पास नो स्मोकिंग नीति का सख्त पालन।
5. ज्वलनशील पदार्थों को सुरक्षित स्थान पर रखना।

स्टाफ के प्रशक्षिण पर विशेष जोर

अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि स्टाफ को फायर फाइटिंग उपकरणों के उपयोग और मरीजों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रशक्षिति करें।
आपातकालीन निकासी योजना तैयार कर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करें।
निकासी मार्ग और सीढ़ियां बाधारहित रखें।
खाना पकाने की व्यवस्था केवल नामित रसोई क्षेत्रों तक सीमित हो।
अग्निशमन विभाग ने स्पष्ट किया कि अस्पताल प्रशासन को इन नर्दिेशों का तुरंत पालन करना होगा, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके और मरीजों को सुरक्षित माहौल प्रदान किया जा सके। जम्मू मैडिकल कालेज अस्पताल, गांधीनगर अस्पताल, एस़एम़जी़एचएस शालामार अस्पताल, सीडी अस्पताल, सुपर स्पैशलिटी अस्पताल में पूरे जम्मू संभाग का लोड है और जिलों से मरीज रेफर होकर यहां आते हैं जिससे अक्सर ऐसे हादसों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत पड़ती है।


Content Editor

Neetu Bala

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