Jammu में अगले 3 से 5 वर्षों में बाढ़ की सम्भावना, इस Report ने किए हैरान करने वाले खुलासे, पढे़ं....
Saturday, Sep 20, 2025-05:20 PM (IST)

जम्मू : जम्मू की जीवनरेखा तवी नदी पर हालिया निर्माण कार्यों ने बाढ़ के खतरे को कई गुणा बढ़ा दिया है। पर्यावरणविदों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि तवी रिवर फ्रंट के नाम पर नदी के दोनों किनारों को 50-50 मीटर तक कवर किया गया है। इसके आगे 32 पिल्लरों वाली दीवार खड़ी कर दी गई है, जो आर्टिफिशियल झील के नाम पर बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इससे नदी का प्राकृतिक बहाव बाधित हो रहा है और यदि बाढ़ आती है तो इसका प्रभाव पहले से कहीं अधिक घातक हो सकता है। बारिशों में नदी का स्तर तो वैसे भी बढ़ता है, लेकिन इसे संकुचित करने से जल स्तर तेजी से चढ़ेगा।
पर्यावरणविदों ने अतीत की बाढ़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1988 के बाद 2014 में भयानक बाढ़ आई थी, जिसने जम्मू संभाग को भारी नुकसान पहुंचाया था। 2014 के बाद 2025 में फिर से विनाशकारी बाढ़ देखने को मिली। उन्होंने चेतावनी दी कि बाढ़ों के बीच अब 10-11 वर्ष का अंतराल रह गया है और मौजूदा हालातों को देखते हुए अगले 3-5 वर्षों के अंदर फिर से बाढ़, बादल फटने या भारी बारिश जैसी घटनाओं की संभावना प्रबल है।
एक अन्य पर्यावरणविद ने भावुक होकर कहा कि हम नदी के घर में घुस गए हैं, नदी हमारे घर में नहीं। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों का दर्द सांझा करते हुए कहा कि स्थानीय सरकार, चाहे नगर निगम हो या सिंचाई विभाग, की जिम्मेदारी है कि नदी के आसपास लोगों को घर बनाने की अनुमति न दें। इससे बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाली स्थितियां टल सकती हैं और जान-माल की हानि रोकी जा सकती है। उन्होंने मांग की कि अब जब बाढ़ से लोगों को भारी नुकसान हो चुका है, तो स्थानीय प्रशासन को पीड़ितों को कहीं और भूमि या आवास उपलब्ध कराने चाहिएं, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें और बार-बार बाढ़ की मार न झेलें।
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