J&K : अस्पताल में हड़ताल पर भड़की स्वास्थ्य मंत्री Sakina Itoo, बोलीं - डॉक्टरों के लिए जल्द जारी होंगे आदेश

Friday, Jul 25, 2025-01:33 PM (IST)

श्रीनगर ( मीर आफताब ) :  स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू ने शुक्रवार को SMHS अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बिना किसी गलती के गरीब मरीजों को इलाज से वंचित करना और उन्हें दर-दर भटकने के लिए मजबूर करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मंत्री इटू ने अस्पताल में मीडिया से बात करते हुए इस पूरी घटना को "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि ऐसी स्थिति कभी भी अस्पतालों में नहीं आनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "जिन मरीजों के अपॉइंटमेंट थे, उन्हें अस्पताल बंद होने के कारण इलाज नहीं मिल पाया। इसमें उनका क्या दोष है?"

उन्होंने कहा कि अगर किसी तरह की गड़बड़ी हुई है, तो जांच और कार्रवाई के लिए तय नियम और कानून मौजूद हैं, जिनका पालन होना चाहिए। लेकिन इसके बहाने मरीजों का इलाज रोकना न तो सही है और न ही बर्दाश्त किया जा सकता है।

मंत्री ने यह भी बताया कि जरूरत पड़ने पर प्रशासन और पुलिस को भी हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि अस्पतालों की सेवाएं प्रभावित न हों। उन्होंने खासतौर पर ऑपरेशन थिएटर, आपातकालीन सेवाओं और मरीजों के वार्ड बंद करने की आलोचना की और इसे जन स्वास्थ्य के सिद्धांतों के खिलाफ बताया।

ये भी पढ़ेंः  Maa Vaishno Devi: अब... सिर्फ दर्शन ही नहीं, मां के दरबार में मिलेगा कुदरत का वरदान ! पढ़ें खबर

हालांकि, मंत्री ने माना कि डॉक्टरों पर काम का दबाव होता है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि मरीजों और उनके तीमारदारों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण और जिम्मेदार व्यवहार जरूरी है, क्योंकि वे पहले से ही संकट में होते हैं।

मंत्री इटू ने इस बात पर भी चिंता जताई कि वर्तमान में चिकित्सा लापरवाही के मामलों में डॉक्टरों को जवाबदेह ठहराने के लिए उचित कानूनी उपाय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसे मामलों की तेजी से जांच और कार्रवाई के लिए एक सख्त कानून बनाने पर काम करेगी।

इस मौके पर उन्होंने मीडिया से जुड़े एक मामले का भी जिक्र किया और कहा कि डॉक्टरों, मरीजों या पत्रकारों – सभी की शिकायतों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

मंत्री ने घोषणा की कि सरकार जल्द ही एक आदेश जारी करेगी, जिसमें सभी डॉक्टरों को अपना नाम और विशेषज्ञता लिखी हुई नेमप्लेट पहनना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा, "चाहे डॉक्टर सर्जन हों, फिजिशियन हों या किसी अन्य विभाग से, पहचान स्पष्ट होनी चाहिए।"

इसके अलावा, मरीजों और डॉक्टरों की शिकायतों को दर्ज करने के लिए सरकार सचिवालय स्तर पर एक औपचारिक शिकायत प्रकोष्ठ (Complaint Cell) शुरू करने जा रही है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here


Content Editor

Neetu Bala

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News