पवित्र रमजान के चलते कश्मीर में सजने लगीं दुकानें, खजूर की बढ़ी मांग, लोगों में उत्साह

3/11/2024 4:23:35 PM

जम्मू/श्रीनगर: रमजान के पवित्र महीने की आमद के मद्देनजर कश्मीर घाटी के मुख्य शहरों एवं कस्बों की रौनक में लगातार बढ़ौत्तरी होने का सिलसिला जारी है। घाटी के वातावरण में आए बदलाव के चलते गत कुछ वर्षों के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा त्यौहारों को मनाने में खुशी के माहौल में और भी अधिक उल्लास भर गया है तथा लोग बिना किसी भय अथवा तनाव के खुलकर बाजारों में निकलकर आवश्यक सामान खरीदते नजर आते हैं।

घाटी के सभी क्षेत्रों में स्थित दुकानें रंग-बिरंगी सजावट से सजी हुई हैं और पारंपरिक व्यंजनों की सुगंध हवा में फैल गई है, जिसने गर्मजोशी और एकजुटता का माहौल बनाने में अपना अलग ही योगदान दिया है। स्थानीय लोगों के अनुसार रमजान आध्यात्मिक नवीनीकरण और सामुदायिक जुड़ाव का अवसर है तथा रौनक से भरे बाजारों में सपरिवार जाकर खरीदारी करना एक अलग ही प्रकार का रोमांचक एवं भावनात्मक अनुभव है। रमजान की तैयारियों में स्थानीय दुकानदार खजूर एवं सूखे मेवों सहित अन्य कई जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि रमाजान के दौरान पूरा दिन रोजा रखने के उपरांत सायं रोजा इफ्तार करते हुए खजूर के सेवन का धार्मिक महत्व माना गया है जिसके चलते पवित्र रमजान के दौरान कश्मीर घाटी में खजूर की खपत में कई गुणा बढ़ौत्तरी हो जाती है। रोजा रखने वाले श्रद्धालुओं द्वारा इस मात्र एक खाद्य पदार्थ नहीं बल्कि आध्यात्मिक पोषण का प्रतीक माना जाता है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष कश्मीर घाटी में पवित्र रमजान के पहले 20 दिनों के भीतर एक सौ ट्रक से अधिक खजूरों की खपत हुई थी। रमजान के दौरान घाटी में खजूर की विशेष किस्म अजवा की सबसे अधिक मांग रहती है तथा इसके अलावा अम्बर, माबरूक तथा कल्मी किस्म की खजूर को स्थानीय लोग अधिक पसंद करते हैं। इन खजूरों को ईरान, ईराक, सऊदी अरब एवं अन्य खाड़ी देशों से आयात कर कश्मीर पहुंचाया जाता है।

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Content Editor

Neetu Bala

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