Jammu-Kashmir में बड़े आतंकी हमले की साजिश ! अब इस इलाके में दिखी हलचल
Friday, Sep 26, 2025-07:03 PM (IST)

बनी : कुछ महीनों के अंतराल के बाद एक बार फिर जिले के दूरदराज पहाड़ी क्षेत्र बनी में संदिग्ध दिखे हैं। जानकारी के अनुसार बीती रात को दीन बिहाली जंगल में तीन संदिग्धों को कंधों पर बैग उठाए देखा गया है। सूचना मिलते ही पहले से ही सतर्क SOG ने विशेष तलाशी अभियान चलाया, हालांकि तलाशी अभियान में सुरक्षा बलों को कुछ भी नहीं मिला है, लेकिन पहाड़ी और जंगल क्षेत्र होने के कारण छिपने के ज्यादा ठिकाने होने की संभावना को देखते हुए शुक्रवार दोबारा दोपहर SOG ने थाना के अंतर्गत पड़ते लोवांग से सौन, कुंड, बमलेड और सरथल के ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र में तक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया। इस तलाशी अभियान में सुरक्षा बलों को अभी तक कोई भी संदिग्ध नहीं मिला है, लेकिन साथ लगते बिलावर के मल्हार क्षेत्र के दरघड़ सोआल मशेडी के जंगलों में पिछले चार दिन पहले 22 सितंबर को दिखे दो संदिग्धों के चलते सुरक्षा बल अब जहां भी ऐसी सूचनाओं को हल्के में नहीं ले रहे हैं और पूरी तरह से सतर्क हो चुके हैं।
वहीं इसी बीच दो दिन पहले रामकोट क्षेत्र की अगलीधार पंचायत में भी एक वृद्ध महिला को तीन हथियारबंद संदिग्ध दिखे थे। वहां भी सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन अभी कहीं से भी ऐसा कोई संदिग्ध तलाशी अभियान में सुरक्षा बलों के हाथ नहीं लगा है। उल्लेखनीय है कि कई महीनों के बाद बनी में दोबारा संदिग्धों की हलचल दिखने पर सुरक्षा बल सतर्क हो गए हैं, जिसके चलते सुरक्षा को कड़ी कर दिया गया है, हर किसी की गतिविधि पर पूरी नजर रखी जा रही है, दरअसल बनी जैसे ऊंचे पहाड़ों में फैले बड़े-बड़े जंगलों में छिपने के लिए ठिकानों की अधिक संभावना होने के कारण संदिग्धों का दिखने के बाद ढूंढना मुश्किल होता है।
बता दें कि इससे कुछ माह पहले भी बनी में कई स्थानों पर लगातार संदिग्ध दिखते रहे, लेकिन बाद में तलाशी अभियान चलाने पर कुछ भी नहीं मिलता है। बनी जिला कठुआ का सबसे दूरदराज पहाड़ी क्षेत्र है, जहां कश्मीर में आतंकवाद के शुरूआत में आतंकी गतिविधियां शुरू हुई थीं, लेकिन पिछले दो दशक से बनी शांत था, अब पिछले कुछ महीनों से दोबारा संदिग्ध दिखने लगे हैं। उधर संवेदनशील भारत-पाक सीमा के आसपास क्षेत्र में भी पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा बल लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं। ऐसे में सीमा से लेकर पहाड़ों तक कुछ महीनों के अंतराल बाद दोबारा संदिग्ध गतिविधियां दिखने लगी हैं। इसका मुख्य कारण बरसात में उगी लंबी झाड़ियां भी हो सकती हैं, जिसके जरिए आतंकी छिपने का मौका पाने की ताक में रहते हैं।
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