जम्मू में बदल रहा मौसम, किसानों के लिए 20 से 24 अप्रैल तक एडवाइजरी जारी

4/20/2024 9:46:53 AM

जम्मू: शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसिज एंड टैक्नोलॉजी जम्मू के एग्रोमैट रिसर्च सैंटर ने शुक्रवार को बारिश होने के कारण जम्मू संभाग के किसानों को 20 से 24 अप्रैल तक मौसम पूर्वानुमान आधारित कृषि संबंधी एडवाइजरी जारी की है।

जारी एडवाइजरी के तहत जिन किसानों ने गेहूं की फसल सामान्य अथवा देरी से बुआई की है, ताजा बारिश के मद्देनजर किसानों को मौसम साफ होने तक कटाई और मड़ाई का कार्य स्थगित कर देना चाहिए। सरसों की फसल के लिए सलाह दी गई है कि कटी हुई फसल को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं। किसानों को सलाह दी गई है कि बारिश के बावजूद ग्रीष्मकालीन दालें (मूंग/मॉश) की बिजाई कर सकते हैं। किसान मौसम की स्थिति में बारिश होने के बाद मॉश की पंत यू-19, उत्तरा और मूंग पी.डी.एम.-54, एम.एल.-131, एम.एल.-818, पी.एस.-16, पी.एस.-7 की बुआई कर सकते हैं जबकि देर से बोई गई मअर, मसूर और चना की बोवाई को मौसम साफ होने तक स्थगित कर दें।

चारा के लिए ग्रीष्मकालीन चारे, मक्का, लोबिया, चरी और बाजरा की बुआई किसान साफ मौसम के दौरान बारिश होने के बाद मिट्टी की उपयुक्त स्थिति में कर सकते हैं। वहीं फूलों की खेती के लिए गुलदाउदी, गेंदे का फूलों के बीज का पकने तक खेतों में वर्षा का पानी जमा न होने दें। जमीन में नमी के चलते मदर प्लांट को संवार सकते हैं लेकिन सिंचाई स्थगित करें। इसी प्रकार सब्जियों में टमाटर, पत्तेदार सब्जियां, धनिया, पालक, मेथी, खीरा, लौकी, करेला, कद्दू के फलने पर परिपक्व फलों को चुनने की सलाह दी जाती है।

वहीं बागवानी में आम, खट्टे, अमरूद आदि फलों के पौधे के लिए जमीन में जमा पानी को हटा दें। बारिश होने के बाद बेसिन को खरपतवार से मुक्त रखें। मौसम साफ होने तक रासायनिक पौधों की सुरक्षा के उपाय स्थगित कर दें। मशरूम के लिए ऑइस्टर मशरूम के लिए 15-20 दिन बाद बैग खोलें। बैग खोलने के बाद कमरे का तापमान 22-24 डिग्री सैल्सियस और आर्द्रता 85-90 प्रतिशत तक बनाए रखें। रेशम के कीड़ों का पालन जैसे शहतूत का वृक्षारोपण कर सकते हैं जबकि और बाइवोल्टाइन कोकून का पालन-पोषण हॉल, उपकरणों का कीटाणुशोधन करें। किसान 2 प्रतिशत फॉर्मेलिन या 5 प्रतिशत ब्लीचिंग पाउडर समाधान के साथ पालन-पोषण उपकरणों के दूसरे कीटाणुशोधन के लिए जा सकते हैं। कीटाणुशोधन के बाद उपकरणों को धूप में रखें।

इसी प्रकार पशुधन के लिए डोडा, जम्मू और राजौरी जिलों के डेयरी किसानों को अपने पशुधन (मवेशी, भैंस, भेड़ और बकरी) को एफएमडी बीमारी के खिलाफ टीका लगाना चाहिए। डोडा, कठुआ, राजौरी और उधमपुर जिले के मवेशियों और भैंसों मेंगल घोटू रोग होने की आशंका है। किसानों को पशु एवं भेड़पालन के माध्यम से पशुओं को एचएस रोग से बचाव का टीका अवश्य लगवाना चाहिए। जम्मू, कठुआ और डोडा जिलों की भेड़ों और बकरियों को भेड़ और बकरी चेचक के खिलाफ टीकाकरण की आवश्यकता है। टीकाकरण भेड़पालन के कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। राजौरी जिले के मवेशियों और भैंसों को ब्लैक क्वार्टर बीमारी के खिलाफ टीका लगाया जाना चाहिए। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे चावल के भूसे को हवा में सूखने के बाद खिलाएं क्योंकि सांबा जिले में कवक से संक्रमित चावल के भूसे को खिलाने के कारण डेगनाला रोग की सूचना मिली है।


Content Writer

Sunita sarangal

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