Pulwama Attack: CRPF पर हुए घातक हमले पर सरकार का बड़ा Action

Wednesday, Nov 26, 2025-02:10 PM (IST)

पुलवामा (उदय): कश्मीर के पुलवामा जिले के काकपोरा के हकरीपोरा इलाके में एक रिहायशी घर जहां आतंकियों ने फरवरी, 2019 में आई.ई.डी. हमले को अंजाम दिया था, जिसमें सी.आर.पी.एफ. के काफिले को निशाना बनाया गया था, को जम्मू में एन.आई.ए. एक्ट के तहत डैजिग्नेटेड स्पैशल कोर्ट ने आधिकारिक तौर पर जब्त कर लिया है। कोर्ट ने 9.5 मरले के इस घर को आतंक की कमाई घोषित किया है।

यह संपत्ति आरोपी पीर तारिक अहमद शाह की पत्नी नसीमा बानो की है और कथित तौर पर इसे जैश-ए-मोहम्मद के ऑप्रेटिव्स ने 40 सी.आर.पी.एफ. जवानों की जान लेने वाले हमले में शामिल होने के लिए छिपने की जगह और प्लानिंग प्वाइंट के तौर पर इस्तेमाल किया था। कोर्ट ने पाया कि आतंकी मोहम्मद उमर फारूक, समीर अहमद डार और आदिल अहमद डार ने बम धमाके से पहले और बाद में घर में पनाह ली थी और परिवार के सदस्यों पर मदद करने का आरोप है।

पीठासीन जज संदीप गंडोत्रा ने अनलॉफुल एक्टीविटीज प्रिवैंशन एक्ट के सैक्शन 25 और 26 के तहत प्रॉपर्टी पर किसी भी थर्ड पार्टी के इंट्रस्ट के ट्रांसफर या क्रिएशन पर रोक लगा दी। यह ऑर्डर एन.आई.ए. के मुख्य जांच अधिकारी राजीव ओम प्रकाश पांडे की फाइल किए गए एक आवेदन को स्वीकार करते हुए आया है।

कोर्ट ने कहा कि अगर प्रॉपर्टी आतंकियों के कामों में मदद करने वाली साबित हो जाती है तो जब्त करने के लिए मुख्य आरोपी की ओनरशिप जरूरी नहीं है। यह मामला अवंतीपोरा में दर्ज एफ.आई.आर. 20/2019 से जुड़ा है जिसे बाद में एन.आई.ए. ने 20 फरवरी, 2019 को आर.सी.-02/2019/एन.आई.ए./जम्मू के तौर पर अपने हाथ में ले लिया। घर को शुरू में मार्च, 2021 में अटैच किया गया था और डेजिग्नेटेड अथॉरिटी ने मई, 2021 में एक्शन कन्फर्म किया था। बानो की फाइल की गई अपील 31 अगस्त, 2022 को खारिज कर दी गई थी। डिप्टी कमिश्नर पुलवामा को एन.आई.ए. ट्रायल खत्म होने तक जब्त करने के निर्देशों का पालन पक्का करने का निर्देश दिया गया है।

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Content Editor

Neetu Bala

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