अनंतनाग मुठभेड़ 2023: ‘मुझे गोली लगी है...’ पढ़ें शहीद जवान हुमायूं की पिता के साथ आखिरी बातचीत
Monday, Jun 24, 2024-12:56 PM (IST)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर, 2023 को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में बहादुर पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट शहीद हो गए थे। आखिरी सांस लेते वक्त भी हुमायूं द्वारा अपने पिता से कहे गए आखिरी शब्द शांत और आश्वस्त करने वाले थे, जो आज भी उनके कानों में गूंजते हैं।
हुमायूं ने अपने पिता एवं जम्मू-कश्मीर पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर जनरल गुलाम हसन भट से फोन पर कहा था, ‘मुझे गोली लगी है... कृपया घबराएं नहीं।' यह काला दिन पिछले साल 13 सितंबर का था। हुमायूं ने दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग से अपने पिता को फोन किया था और केवल 13 सेकेंड तक बात की थी। उस समय आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ चल रही थी, जिसमें 4 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
शहीद हुमायूं भट के पिता ने पुलिस विभाग में 34 साल तक सेवाएं दीं। उन्होंने अपने बेटे से आखिरी बार फोन पर की गई बात के बारे में विस्तार से बताया, जो हमेशा उनकी याद में रहेगा। पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट ने 13 सितंबर को सुबह करीब 11 बजकर 48 मिनट पर अपने पिता को आखिरी बार फोन किया था। हुमायूं ने कहा, 'पापा मुझे गोली लगी है। मेरे पेट में गोली लगी है' और फिर कुछ देर रुकने के बाद उन्होंने कहा, 'कृपया घबराएं नहीं।' इसके बाद फोन कट गया, लेकिन अपने बेटे से हुई इस 13 सेकेंड की बात से वह घबरा गए।
अपने बेटे के साथ आखिरी बार फोन पर बात करने को लेकर गुलाम भट ने कहा कि यह कहना जितना आसान है, करना उतना ही मुश्किल है। उन्हें लगता है कि ये उनके जीवन के सबसे कठिन क्षण थे क्योंकि उन्हें तब तक पता नहीं था कि क्या हो रहा है, जब तक वह श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल में अपने घायल बेटे का इंतजार नहीं करने लगे। गुलाम भट ने कहा कि उन्हें पता था कि आगे क्या होने वाला है, लेकिन वह अपनी उम्मीद के उल्ट सोच रहे थे कि शायद वह अपने हुमायूं को बात करते हुए देख पाएंगे।
गुलाम हसन भट ने कहा कि जब वह अपने पोते अशहर को घुटने के बल चलते हुए देखते हैं तो उन्हें अपने बेटे हुमायूं की याद आती है। काश हुमायूं लंबे समय तक उनके बीच रह पाता। अगले महीने अशहर का पहला जन्मदिन है। यह दुर्भाग्य की बात है कि हुमायूं इतना भी नहीं जी पाया कि वह यह दिन भी देख सके। नन्हा बच्चा कभी भी अपने पिता के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान पाएगा। उन्होंने कहा कि अपने बेटे को खोने के गहरे दुख के बावजूद उसके साहस और नि:स्वार्थता से उन्हें सांत्वना मिलती है, जिसने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।