Cough Syrup पर केंद्रीय मंत्रालय ने जारी की Asvisory, भूल कर भी न करें ये काम

Sunday, Oct 05, 2025-03:23 PM (IST)

जम्मू  (सतीश) :  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया है जिसमें बाल रोगियों में कफ सिरप के तर्कसंगत और विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर दिया गया है ताकि रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और दुरुपयोग को रोका जा सके।

एक आधिकारिक संचार में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने कहा कि बच्चों में होने वाली अधिकांश तीव्र खांसी की बीमारियां स्वत: ठीक हो जाती हैं और अक्सर इनमें औषधीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है। परामर्श में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न दी जाएं और आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इनकी सिफारिश नहीं की जाती है। बड़े बच्चों के लिए ऐसी दवाओं का उपयोग केवल सावधानीपूर्वक नैदानिक मूल्यांकन, कड़ी निगरानी, सही खुराक और कम से कम प्रभावी अवधि के बाद ही किया जाना चाहिए। परिपत्र में कई दवाओं के संयोजन लिखने के खिलाफ भी चेतावनी दी गई है। इसमें कहा गया है कि बच्चों में खांसी के इलाज में गैर-औषधीय उपाय—जैसे पर्याप्त हाइड्रेशन, आराम और सहायक देखभाल प्राथमिकता होनी चाहिए।

गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डी.जी.एच.एस. ने सभी स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और नैदानिक प्रतिष्ठानों को केवल उन्हीं कफ सिरप की खरीद और वितरण करने का निर्देश दिया है जो गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (जी.एम.पी.) के तहत निर्मित हों और फार्मास्युटिकल-ग्रेड एक्सीपिएंट्स से बने हों।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक द्वारा हस्ताक्षरित इस एडवाइजरी में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों, जिला स्वास्थ्य प्राधिकरणों और चिकित्सा संस्थानों को सरकारी औषधालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पी.एच.सी.), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सी.एच.सी.) और अस्पतालों में इस सलाह का प्रसार और कार्यान्वयन करने का निर्देश दिया गया है। डी.जी.एच.एस. ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को तर्कसंगत दवा लिखने और वितरण प्रथाओं के बारे में जागरूक करने का भी आह्वान किया है। परामर्श की प्रतियां भारतीय औषधि महानियंत्रक (सी.डी.एस.सी.ओ.), सभी राज्य औषधि नियंत्रकों तथा केंद्रीय सरकारी अस्पतालों और एम्स, पी.जी.आई. चंडीगढ़ तथा जे.आई.पी.एम.ई.आर. पुडुचेरी सहित प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों को तत्काल अनुपालन और निगरानी के लिए भेजी गई है।

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Content Editor

Neetu Bala

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