नैशनल कॉन्फ्रेंस को Budgam में पहली बार चखना पड़ा हार का स्वाद... क्या भीतरघात बना वजह?
Saturday, Nov 15, 2025-12:22 PM (IST)
बडगाम/जम्मू (उदय) : नैशनल कॉन्फ्रैंस को जम्मू-कश्मीर के बड़गाम विधानसभा क्षेत्र में पहली बार चुनावी हार का स्वाद चखना पड़ा जब विपक्षी दल पी.डी.पी. के आगा सैयद मुंतजिर ने उपचुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी से यह सीट छीन ली। पी.डी.पी. उम्मीदवार की जीत के पीछे नैकां में भीतरघात भी बड़ी वजह बना। जहां सांसद आगा सईद राहुल्ला पिछले कुछ समय से पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। शिया समुदाय पर राहुल्ला का खासा प्रभाव है परन्तु अनबन के चलते पार्टी सीट हार गई। सूत्रों के अनुसार जमात-ए-इस्लामी और इमरान अंसारी की नैकां से राजनीतिक द्वेष का भी असर रहा।
पी.डी.पी. उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर की जीत के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पी.डी.पी. के विधायकों की संख्या 4 हो गई है। 1957 में हुए पहले विधानसभा चुनाव के बाद से यह पहली बार है जब एन.सी. अपने गढ़, मध्य कश्मीर के बड़गाम में हारी है।
एन.सी. ने बड़गाम में हर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है, जब भी उसने शिया बहुल क्षेत्र से उम्मीदवार खड़ा किया है। इस सीट पर एन.सी. का प्रतिनिधित्व केवल 1972 में नहीं था, जब पार्टी ने पूरे जम्मू-कश्मीर में चुनावों का बहिष्कार किया था।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में अपने पारिवारिक गढ़ गंदरबल से चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़गाम सीट खाली करने के बाद इस निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था। बड़गाम से अब्दुल्ला के चुनाव से पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व श्रीनगर से नैशनल कॉन्फ्रैंस के वर्तमान लोकसभा सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने 2002, 2008 और 2014 में लगातार 3 बार किया था। मेहदी संसद के लिए चुने जाने के बाद 2024 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। लोकसभा सांसद का जम्मू-कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति सहित कई मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व से मतभेद हो गया है और उन्होंने उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं किया।
अनुच्छेद 370 की बहाली, राज्य दर्जा पर नैकां का नरम रुख बना वजह
रूहुल्लाह के पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेद पैदा हो गए क्योंकि लोकसभा सांसद का दावा है कि पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को प्राथमिकता दे रही है और अनुच्छेद 370 की बहाली पर अपना रुख नरम कर लिया है। एक प्रभावशाली शिया नेता की चुनाव प्रचार से अनुपस्थिति और पार्टी उम्मीदवार आगा महमूद, जो उनके रिश्तेदार भी हैं, को समर्थन न देना, नैशनल कॉन्फ्रैंस की हार का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
42 के मुकाबले पी.डी.पी. के 3 विधायक पड़े चुनाव प्रचार में भारी
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने पिछले 3 दिन चुनाव प्रचार में कैबिनेट सहयोगियों और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने को बिताए। वहीं पी.डी.पी. ने भी विधानसभा में अपनी संख्या बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने 3 विधायकों- वहीद पर्रा, मोहम्मद फैयाज और मोहम्मद रफीक नाइक के साथ चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया। नैकां के 42 अपने विधायक और सहयोगी भी हैं परन्तु पी.डी.पी. के 3 विधायक चुनाव प्रचार में भारी पड़े।
पी.डी.पी. के विजेता मुंतजिर धार्मिक धर्मगुरु और पूर्व अलगाववादी आगा सैयद हसन के पुत्र हैं। नई दिल्ली के एमिटी विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर, प्रभावशाली आगा परिवार के सदस्य मुंतजिर अगस्त 2024 में पी.डी.पी. में शामिल होकर मुख्यधारा की राजनीति में आए। उमर अब्दुल्ला से वर्ष 2024 में 18 हजार वोट से चुनाव हार गए और केवल 17525 वोट मिले थे। बड़गाम उप-चुनाव को मुख्यमंत्री अब्दुल्ला की सरकार और उनकी पार्टी की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था।
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