LG Sinha ने की High Level Meeting, बड़े पुलिस अधिकारियों को जारी किए सख्त निर्देश
Thursday, Feb 13, 2025-11:08 AM (IST)
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम (पी.सी.आर.) श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की। उप-राज्यपाल ने कश्मीर संभाग में आतंकवाद, कट्टरपंथी विचारधारा, आतंकवादियों को पनाह और वित्तपोषण करने वाले आतंकी समर्थकों से निपटने के लिए एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ तालमेल के साथ काम करने और जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करने के निर्देश दिए।
बैठक में डी.जी.पी. जम्मू-कश्मीर नलिन प्रभात, ए.डी.जी.पी. हैडक्वार्टर एम.के. सिन्हा, ए.डी.जी.पी. सी.आई.डी. नीतीश कुमार, उप-राज्यपाल के प्रधान सचिव डा. मंदीप भंडारी, आई.जी.पी. कश्मीर विधि कुमार बिरदी, आई.जी.पी. अपराध डा. सुनील गुप्ता, आई.जी.पी. सुरक्षा सुजीत कुमार, आई.जी.पी रेलवे विवेक गुप्ता, रेंज डी.आई.जी., एस.एस.पी., एपी/आई.आर. बटालियनों के कमांडेंट और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विभिन्न अन्य वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत रूप से और वर्चुअल मोड के माध्यम से उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम डी.जी.पी. ने घाटी के वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य और क्षेत्रीय, रेंज और जिला स्तर पर आतंकवाद विरोधी, कानून और व्यवस्था, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, आतंकवादी भर्ती आदि जैसी विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार किए गए रोडमैप के बारे में एल.जी. को जानकारी दी। आई.जी.पी. कश्मीर ने कश्मीर क्षेत्र की चुनौतियों और भविष्य के लिए रणनीतिक दूरदर्शिता पर प्रकाश डालते हुए एक प्रस्तुति भी दी।
उप-राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की विभिन्न शाखाओं के कामकाज का मूल्यांकन किया और विशेष रूप से यू.ए.पी.ए. और एन.डी.पी.एस. से संबंधित अपराध संबंधी प्रदर्शन सूचकांकों के संबंध में अपनी संतुष्टि व्यक्त की। सिन्हा ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और इसके विभिन्न विंगों के प्रमुखों को मजबूत तालमेल बनाकर काम करने पर जोर दिया और आतंकवाद और आतंकवादियों की सहायता करने वालों को कुचलने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया।
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सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर शांति, प्रगति और समृद्धि का युग देख रहा है। उन्हें जम्मू कश्मीर को आतंक मुक्त बनाने के लिए उनकी वीरता, प्रभावी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है। भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियानों में बेहतर खुफिया जानकारी, तालमेल और सटीकता महत्वपूर्ण है। सुरक्षा चुनौतियों के सभी आयामों में क्षमता और प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ 360 डिग्री विजन महत्वपूर्ण है। उप-राज्यपाल ने पुलिस अधिकारियों से आतंकवाद और नार्को टैरोरिज्म के मामलों में संपत्ति कुर्की की नीति का सख्ती से पालन करने को भी कहा।
घाटी में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों की जल्द पहचान करें
उप-राज्यपाल ने अधिकारियों को कश्मीर घाटी में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें बेअसर करने के लिए एक ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों को निष्क्रिय आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बेअसर करने के लिए खुली छूट उन्होंने पहले से दी है। आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
कट्टरपंथी और चरमपंथी विचारों का आक्रामक तरीके से प्रहार हो
उप-राज्यपाल ने गलत सूचना और प्रचार की चुनौतियों पर भी चर्चा की और अधिकारियों को इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उप-राज्यपाल ने कहा कि साइबर स्पेस का फायदा उठाकर अपनी विघटनकारी गतिविधियों और गलत सूचना अभियान चलाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्हें कट्टरपंथी और चरमपंथी विचारों का आक्रामक तरीके से मुकाबला करना चाहिए और कानून के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कोर पुलिसिंग और जनता के बीच विश्वास निर्माण, सार्वजनिक शिकायतों के निवारण और स्थानीय समुदायों से जुड़ने से जुड़े सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। वहीं उन्होंने पुलिस बल और आम नागरिक के बीच विश्वास के आधार पर एक मजबूत संबंध बनाने पर भी जोर दिया।
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