Pahalgam में हुई विशेष कैबिनेट बैठक, CM उमर का मजबूत संदेश

Tuesday, May 27, 2025-05:13 PM (IST)

जम्मू डेस्क : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पहलगाम में एक खास कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक उस जगह हुई जहां 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। इस बैठक का मकसद साफ संदेश देना था कि सरकार आतंक से डरने वाली नहीं है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  पर साझा कीं और लिखा कि मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने आज पहलगाम में कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। यह सिर्फ एक प्रशासनिक बैठक नहीं थी, बल्कि आतंक के कायराना हमलों को जवाब देने का मजबूत संदेश था। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य घाटी में पर्यटन को फिर से जीवित करना और लोगों के बीच विश्वास बहाल करना था। हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि शांति के दुश्मन हमारे इरादों को कमजोर नहीं कर सकते। जम्मू-कश्मीर मजबूती से खड़ा है, निडर है। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने उन पर्यटकों को धन्यवाद भी कहा जो धीरे-धीरे फिर से कश्मीर और पहलगाम की ओर घुमने के लिए आने लगे है।

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पहली बार राजधानी से बाहर बैठक

पहलगाम आतंकी हमले के एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पहली बार राजधानी श्रीनगर या जम्मू से बाहर कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। यह ऐतिहासिक बैठक पर्यटन स्थल पहलगाम में हुई, जहां बीते महीने एक बड़े आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। अधिकारियों के मुताबिक, यह बैठक केवल प्रशासनिक कामकाज के लिए नहीं, बल्कि यह दिखाने के लिए थी कि हिंसा को यहां कोई जगह नहीं दी जाएगी।

मीडिया से बातचीत

एक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम चाहते हैं कि पूरी दुनिया जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को आर्थिक गतिविधि के रूप में देखे। हम सतर्कता के साथ कदम उठाएंगे, लेकिन कोशिश यही रहेगी कि जल्द से जल्द कश्मीर घाटी में पर्यटन फिर से शुरू हो। बीते 5-6 हफ्ते देश के लिए कठिन रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर ने सबसे बड़ी कीमत चुकाई है।

उन्होंने आगे कहा कि पर्यटन को "संकट-निरपेक्ष गतिविधि" के रूप में देखा जाना चाहिए। राज्य सरकार ने बैसरन घाटी  में हमले के बाद पूरे क्षेत्र में सुरक्षा ऑडिट कराया है, और रिपोर्ट के अनुसार कुछ स्थान अब पर्यटकों के लिए सुरक्षित हैं और जल्द ही खोले जा सकते हैं। 

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में घास के मैदानों में 4-6 आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।

हमले के जवाब में भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भारत के उत्तरी और पश्चिमी राज्यों में ड्रोन और मिसाइल हमलों के रूप में जवाबी कार्रवाई की गई।

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Content Editor

VANSH Sharma

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