Ladakh Violence: वांगचुक की गिरफ्तारी पर पत्नी गीतांजलि का कड़ा रुख, Pakistan लिंक के आरोप पर दोटुक

Monday, Sep 29, 2025-12:17 PM (IST)

लेह :  जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्त्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने अपने पति के खिलाफ ‘पाकिस्तान से संबंध' होने और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। वांगचुक पर लेह में हिंसा भड़काने के आरोप को ‘बेबुनियाद' बताते हुए उन्होंने दावा किया कि वह ‘सर्वाधिक गांधीवादी तरीके’ से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और 24 सितम्बर को सी.आर.पी.एफ. की कार्रवाई के कारण स्थिति बिगड़ गई। पुलिस ने जलवायु कार्यकर्त्ता वांगचुक को शुक्रवार को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एन.एस.ए.) के तहत हिरासत में ले लिया। यह कदम पिछले बुधवार को लेह में लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और इसे राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के 2 दिन बाद उठाया गया है। इस प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए।

वांगचुक लद्दाख के अधिकारों के लिए 5 साल से चल रहे आंदोलन से जुड़े एक प्रमुख व्यक्ति थे, जिनको हिरासत में लिए जाने पर विभिन्न वर्गों से कड़ी प्रतिक्रियाएं आई थीं। उन्हें राजस्थान के जोधपुर की जेल में रखा गया है। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ आल्टरनेटिव लर्निंग की सह-संस्थापक अंगमो ने कहा कि हिरासत में लिए जाने के बाद से वह अपने पति से बात नहीं कर पा रही हैं और उन्होंने जलवायु कार्यकर्त्ता और उनके संस्थानों पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। अंगमो ने दावा किया कि उन्हें हिरासत में लिए जाने के आदेश की प्रति नहीं सौंपी गई है।

हालांकि, अंगमो ने स्पष्ट किया कि पड़ोसी देश की उनकी हालिया यात्रा पूरी तरह से पेशेवर और जलवायु-केंद्रित थी। अपने पति के पाकिस्तान से संबंधों के आरोपों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि वांगचुक की सभी विदेश यात्राएं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और संस्थानों के निमंत्रण पर हुई थीं। उन्होंने बताया कि हमने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया था और यह जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित था। हिमालय की चोटी पर स्थित ग्लेशियर यह नहीं देखेगा कि मैं पाकिस्तान में बह रहा हूं या भारत में।

उन्होंने कहा कि फरवरी में आयोजित ‘ब्रीद पाकिस्तान' सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान और डॉन मीडिया ने किया था और इसमें बहुराष्ट्रीय सहयोग शामिल था।

सी.आर.पी.एफ. को गोली चलाने का अधिकार किसने दिया?

अंगमो ने सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘मेरा सवाल यह है कि सी.आर.पी.एफ. को गोली चलाने का अधिकार किसने दिया? आप ने अपने ही लोगों, अपने ही युवाओं पर गोली क्यों चलाई?” वांगचुक द्वारा भड़काऊ भाषण दिए जाने के आरोप पर अंगमो ने दावा किया कि उनके लद्दाखी शब्दों को संदर्भ से बाहर निकालकर गलत अर्थ निकाला गया। अंगमो ने कहा, ‘उन्होंने बस इतना कहा कि ‘जब बदलाव होना है, तो इसकी शुरुआत एक व्यक्ति से हो सकती है, या एक व्यक्ति की मौत से, और वह व्यक्ति मैं भी हो सकती हूं; मैं इसके लिए खुशी से अपनी जान देने को तैयार हूं।” अपने संस्थानों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर अंगमो ने एच.आई.ए.एल. को मिले विदेशी धन, यू.जी.सी. पंजीकरण, एस.ई.सी.एम.ओ.एल. के एफ.सी.आर.ए. रद्दीकरण और भूमि आबंटन के बारे में विस्तृत बचाव प्रस्तुत किया। अंगमो ने इस बात से इंकार किया कि एच.आई.ए.एल. ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफ.सी.आर.ए.) की मंजूरी के बिना विदेशों से दान लिया और दावा किया कि इस धनराशि का भुगतान उनकी तकनीकों के लिए किया गया था।

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Content Editor

Neetu Bala

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