Jammu: बाबा जीतो का आशीर्वाद या Energy Drink? जानिए झिड़ी मेले में गन्ने के रस की अनोखी कहानी

Friday, Nov 07, 2025-02:44 PM (IST)

जम्मू ( रोशनी ) :  जम्मू में झिड़ी मेला में कई तरह की खाने-पीने की चीजों के लिए मशहूर है। साथ में आप को बता दें कि कई तरह के व्यंजनों के अलावा यह खासतौर पर गन्ने के जूस को लेकर भी फेमस है। यहां झिड़ी मेला में आने वाले श्रद्धालु गन्ने के गट्ठों को बाबा जितो जी के प्रशाद के तौर पर खरीदते हैं और गन्ने के जूस को पीते हैं  जो कि किसी एनर्जी ड्रिंग से कम नहीं है। यहां पर गन्ने के जूस की रेहड़ियों को आम ही देखा जा सकता है। 

बता दें कि गन्ने को बाबा जितो का प्रसाद कहा जाता है। यह भी एक कारण है कि जो भी लोग झिड़ी मेला देखने आते हैं। गन्ने को जरूर खरीदते हैं। वहीं कुछ लोग इसे झिड़ी मेले की निशानी भी कहते हैं। 'पंजाब केसरी' से बातचीत करते हुए की गन्ना बेचने वाले किसानों ने बताया कि यहां मढ़ ब्लॉक में कम से कम 25 से 30% तक गन्ने की खेती की जाती है और गन्ना सदाबहार रहता है। यही कारण है कि लोग साल भर गन्ने का जूस आसानी से पी सकते हैं। गन्ने के जूस को एनर्जी ड्रिंक भी कहा जाता है क्योंकि यह हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। बहुत से लोग कोल्ड ड्रिंक आदि के बजाय गन्ने के जूस को पीना पसंद करते हैं। मेले में भी जो लोग मेला घूमते और शॉपिंग करते हुए थक रहे हैं वे भी गन्ने के जूस को पीना पसंद कर रहे हैं।

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गन्ने के बाबा जितो का प्रसाद क्यों कहा जाता है ?

पंजाब केसरी की टीम ने जब एक किसान से बातचीत की तो उसने बताया कि बाबा जितो के मेले में गन्ने को प्रसाद माना जाता है। उन्होंने बताया कि यहां पर गन्ने की खेती करने वाले किसान बाबा जितो की यादगार में गन्ने की खेती करते हैं और गन्ने की फसल को बाबा जितो का प्रसाद माना जाता है।

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Content Editor

Neetu Bala

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