जम्मू-कश्मीर जज को डराने का मामला, हाईकोर्ट ने IAS अधिकारी को दिए ये आदेश

Tuesday, Aug 13, 2024-01:32 PM (IST)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय ने सोमवार को गंदेरबल के उपायुक्त श्यामबीर सिंह को यह निर्णय लेने के लिए दो दिन का समय दिया कि क्या वह एक आपराधिक अवमानना ​​मामले में अधीनस्थ अदालत में माफी मांगने का हलफनामा दाखिल करने को तैयार हैं। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति संजीव कुमार की खंडपीठ ने सिंह को अपना मन बनाने के लिए दो दिन का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के वास्ते 14 अगस्त की तारीख निर्धारित की।

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खंडपीठ ने सोमवार की कार्यवाही के बाद पारित आदेश में कहा कि अवमाननाकर्ता ने इस अदालत में मौखिक रूप से कहा है कि उन्होंने जो कुछ भी किया, वह अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर नहीं किया था। उन्होंने इस बात पर विचार करने के लिए कुछ समय मांगा है कि क्या वह माफीनामे का हलफनामा दायर करने और व्यक्तिगत रूप से निचली अदालत के समक्ष पेश होने के लिए तैयार हैं।

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उच्च न्यायालय ने 5 अगस्त को सिंह को उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​के आरोपों का व्यक्तिगत रूप से जवाब देने का निर्देश दिया था। वर्ष 2018 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस.) अधिकारी सिंह 2022 से गंदेरबल के उपायुक्त के रूप में कार्यरत हैं। उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही तब शुरू की गई जब यह आरोप सामने आया कि उन्होंने गंदेरबल के उप-न्यायाधीश फैयाज अहमद कुरैशी के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की और कथित तौर पर उन्हें डराने एवं परेशान करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।

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कुरैशी ने अक्तूबर 2022 के फैसले का पालन न करने के कारण सिंह का वेतन कुर्क करने का आदेश पारित किया था। उप-न्यायाधीश के अनुसार आई.ए.एस. अधिकारी ने कथित तौर पर उन्हें परेशान करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया, जिसमें सरकारी अधिकारियों द्वारा उनकी संपत्ति का अनधिकृत दौरा भी शामिल था। सिंह के इस कदम को न्यायिक अधिकारी को कमजोर करने और अदालत के फैसले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा गया। कुरैशी ने पिछले महीने सिंह को न्यायपालिका के लिए "लगातार संभावित खतरा" करार देते हुए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही का आदेश दिया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था।


Content Writer

Sunita sarangal

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