बॉर्डर पर तारबंदी के साथ लगती भूमि पर तेजी से हो रहा खेती का विस्तार
Tuesday, Jul 09, 2024-01:17 PM (IST)
हीरानगर/सांबा(लोकेश/अजय): भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आई.बी.) पर सीजफायर के बाद से हालात लगातार बदल रहे हैं। दो दशकों तक तारबंदी के नजदीक खेती बंद रही, जिसे करीब एक वर्ष पहले सीमावर्ती गांव रिगाल, चचवाल, चक दुलमा में शुरू किया गया और अब दूसरी बार फिर गांव चचवाल के किसान खेती करने के लिए आगे आए हैं। अब यहां खेती का विस्तार तेजी से हो रहा है।
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सोमवार को उपजिला घगवाल के सीमावर्ती तहसील राजपुरा के अंतर्गत पड़ते गांव चचवाल में तारबंदी के साथ लगती जमीन में उड़द की फसल की बुवाई की शुरूआत कृषि विभाग के जिला अधिकारी मदन गोपाल सिंह ने करवाई। करीब एक वर्ष पहले जिला प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से किसानों को तारबंदी के आगे खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 200 कनाल पर मूंग दाल की फसल से शुरूआत की गई थी। धीरे-धीरे किसान यहां खेती करने के लिए प्रेरित हुए तो अब दूसरी बार उड़द की फसल 500 कनाल पर बोई गई है।
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कृषि विभाग, जिला प्रशासन और बी.एस.एफ. के सहयोग से किसान यहां अपनी खेती का दायरा बढ़ा रहे हैं। किसानों का कहना था कि सालों से खाली पड़ी जमीन पर फिर से खेती शुरू होने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस मौके पर कृषि विभाग के जिला अधिकारी मदन गोपाल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों से करीब दो दशकों के बाद तारबंदी के नजदीक खेती का काम शुरू हो पाया है। बहुत जल्द पूरी जमीन पर किसान खेती करेंगे।
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उन्होंने बताया कि आज भी उड़द की बुवाई के लिए किसानों को विभाग की ओर से मुफ्त बीज उपलब्ध करवाया गया है। आगे भी यहां खेती करने वाले किसानों की विभाग की ओर से हर संभव सहायता की जाएगी। इस मौके पर कृषि विस्तार अधिकारी राजपुरा सुमित दत्ता, कृषि विस्तार सहायक विकास शर्मा और कुलबीर सिंह मौजूद थे।