J&K Elections Result को लेकर बोले Er Rashid, Political Parties और Independent उम्मीदवारों को दिया यह सुझाव
Monday, Oct 07, 2024-02:24 PM (IST)
श्रीनगर(मीर आफताब): अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख और उत्तरी कश्मीर के सांसद एर शेख अब्दुर राशिद (Er Rashid) ने सोमवार को सुझाव दिया कि कल जीतने वाले राजनीतिक दल (Political Parties) और निर्दलीय उम्मीदवार (Independent Candidates) तब तक जम्मू-कश्मीर में सरकार न बनाएं जब तक भारत सरकार राज्य का दर्जा बहाल नहीं कर देती। उन्होंने कहा कि अगर सभी इस सलाह पर एकजुट होते हैं तो ए.आई.पी. पूरा समर्थन देगी।
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श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उत्तरी कश्मीर के सांसद ने कहा कि उनका सभी राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को विनम्र सुझाव है कि वे तब तक सरकार गठन को स्थगित रखें जब तक केंद्र जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को राज्य का दर्जा बहाल नहीं कर देता। उन्होंने कहा कि अगर सभी उनके सुझाव पर सहमत होते हैं तो ए.आई.पी. (AIP) भी इस प्रस्ताव को पूरा समर्थन देगी।
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एर राशिद ने यह भी कहा कि दोनों क्षेत्रों के लोगों की व्यापक स्थिति के लिए सदियों पुरानी दरबार मूव प्रथा को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। प्रशासन का दावा है कि उसने दरबार मूव प्रथा को खत्म करके जम्मू-कश्मीर के खजाने को भारी बोझ से बचाया है, लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों क्षेत्रों के लोग पीड़ित हैं। वे मांग करते हैं कि इस प्रथा को फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
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उन्होंने यह भी कहा कि वह कुछ दिन पहले दिल्ली (Delhi) में थे। यहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर हाउस दिल्ली को विशेष रूप से लद्दाख यूटी के लोगों के लिए आरक्षित रखा था। उन्होंने पूछा कि क्या यह न्याय है? वह भारत सरकार से पूछना चाहते हैं कि दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों में जम्मू-कश्मीर की संपत्तियों को वितरित करने के लिए क्या मापदंड इस्तेमाल किए गए थे। लद्दाख की आबादी केवल 4 से 5 लाख है और उनके लिए आपने जे.एंड.के. हाउस रखा है, जबकि जम्मू-कश्मीर की आबादी 2 करोड़ से अधिक है, अगर लोगों को इलाज, यात्रा और नौकरियों के लिए जम्मू-कश्मीर से बाहर जाना पड़े तो वे कहां जाएंगे?
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जम्मू में भाजपा (BJP) और कश्मीर में एन.सी. (NC) के बहुमत में आने पर ए.आई.पी. किस पार्टी को समर्थन देगी, इस सवाल पर एर राशिद ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सरकार गठन नहीं बल्कि केवल जम्मू-कश्मीर के हितों की रक्षा करना है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा 5 मनोनीत सदस्यों के बारे में उन्होंने कहा कि जब चुनाव के नतीजे आने बाकी हैं, तो दिल्ली के लोग जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए सदस्यों को कैसे मनोनीत कर सकते हैं।