Jammu Kashmir में युवाओं के करियर को मिली नई उड़ान, PM योजना से बदल रहा भविष्य

Wednesday, Oct 01, 2025-04:33 PM (IST)

जम्मू (विक्की): बेरोजगारी की चुनौती झेल रहे जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) बड़ी उम्मीद बनकर उभरी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015 से जून 2025 तक प्रदेश के 4.29 लाख से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 52 हजार से अधिक को रोजगार भी मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल बेरोजगार युवाओं को नौकरी योग्य बना रही है, बल्कि उन्हें स्वरोजगार की दिशा में भी सशक्त कर रही है।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री जयंती चौधरी ने लोकसभा में बताया कि पीएमकेवीवाई के तहत युवाओं को शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग (एसटीटी) और रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) का अवसर मिला है। वर्तमान चरण पीएमकेवीवाई 4.0 में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार दोनों के विकल्प उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH), रोजगार मेले और अप्रेंटिसशिप मेले का आयोजन किया जा रहा है।

सरकार का दावा है कि केवल रोजगार पर निर्भर रहने के बजाय युवाओं को स्वरोजगार के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत जून 2025 तक जम्मू-कश्मीर में 21.92 लाख ऋण खाते स्वीकृत किए गए, जिनकी राशि करीब ₹0.49 लाख करोड़ है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत प्रदेश के 13,366 कारीगरों और शिल्पकारों को ₹123.65 करोड़ की सहायता दी गई है। वहीं, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के अंतर्गत सितंबर 2024 तक 16,383 लाभार्थियों को ₹286.32 करोड़ की मदद मिली है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में और अधिक युवाओं को कौशल विकास से जोड़कर उन्हें स्थायी रोजगार और उद्यमिता की ओर अग्रसर किया जाए।

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Content Editor

VANSH Sharma

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