विधानसभा सत्र Omar सरकार के लिए बड़ी चुनौती, विरोधी इन मुद्दों पर करेंगे घेराव

Friday, Oct 25, 2024-09:52 AM (IST)

जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सत्ता पर काबिज हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सरकार के लिए 4 नवम्बर को शुरू हो रहा विधानसभा सत्र भी चुनौतीपूर्ण होगा। उमर सरकार को 29 विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी के मजबूत विपक्ष से जूझना पड़ेगा जो गठबंधन सरकार को कई महत्वपूर्ण मामलों पर कटघरे में खड़ा रखेगी। लेकिन उमर अब्दुल्ला सरकार में राजनीतिक तौर पर अनुभव रखने वाले विधायक उन्हें इस संकट से बाहर निकालने में मदद करेंगे।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र 4 नवम्बर को श्रीनगर में शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिसूचना जारी कर सत्र को बुलाया है और विधायकों को भी इस सत्र में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। सत्र की शुरूआत उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव के साथ शुरू होगी। उसके बाद पिछले 5 वर्ष में जितने भी विधानसभा के सदस्यों की मौत हुई है उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।

बताया जा रहा है कि 10 दिन के सत्र में 7 बैठकें रहेंगी जिसमें प्रश्नकाल संभव नहीं है जिसको लेकर एक माह पहले तैयारी की जरूरत है। ऐसे में सत्ताधारी दल नैशनल कांफ्रैंस सदन में कोई भी प्रस्ताव लाती है तो उसको लेकर विपक्ष से तकरार हो सकती है।

सूत्रों के अनुसार इस सत्र में अनुच्छेद 370 की वापसी को लेकर प्रस्ताव लाया जा सकता है जिसका भाजपा पुरजोर विरोध करेगी। ऐसे में यह मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निर्भर करेगा कि वह ऐसा कदम उठाते हैं या नहीं। जिस ढंग से पिछले कुछ दिनों में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है, उसको लेकर सरकार से सवाल पूछे जा सकते हैं। गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस की ओर से जो 7 गारंटियां देने की बात कही गई थी, उसे पूरा किए जाने को लेकर भाजपा घेर सकती है। क्योंकि सरकार सीधे तौर पर कोई निर्णय नहीं ले सकेगी, उसके लिए पहले उप-राज्यपाल का अनुमोदन जरूरी है। ऐसे में उमर अब्दुल्ला के लिए यह कठिन परीक्षा होगी कि विपक्ष के टकराव के बिना सत्र को चलाया जाए ताकि विपक्ष के साथ गतिरोध न बने।

नैकां के पास भी पूर्ण बहुमत है और वे भी भाजपा को उसके संकल्प पत्र को पूरा किए जाने को लेकर सवाल उठा सकते हैं। ऐसे में भाजपा पर भी यह दबाव रहेगा कि वह विधानसभा सत्र में किस प्रकार की भूमिका निभाती है क्योंकि जम्मू संभाग में जनता ने 29 सीटें देकर उन्हें विजयी बनाया है।

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Content Writer

Sunita sarangal

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