अमरनाथ यात्रा: 12 जत्था रवाना, 10 दिनों में इतने श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

Monday, Jul 08, 2024-01:01 PM (IST)

 श्रीनगर ( मीर आफताब ) : 29 जून से अब तक 1.70 लाख से अधिक तीर्थयात्री सफलतापूर्वक अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं और भगवान शिव के बर्फ के शिवलिंग पर पूजा-अर्चना कर चुके हैं। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि भारी बारिश और फिसलन भरे रास्तों के कारण, कल यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था। 

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,888 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या अब 1,70,498 हो गई है। इस बीच, 6,145 यात्रियों का नया जत्था (12वां) आज जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ।

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जत्थे में 4695 पुरुष, 1218 महिलाएं, 19 बच्चे, 177 साधु और 36 साध्वियां शामिल हैं। तीर्थयात्री आज सुबह 238 वाहनों के काफिले में बेस कैंप से रवाना हुए। इनमें से 2697 तीर्थयात्री सुबह 3:10 बजे बालटाल के लिए रवाना हुए और 3448 तीर्थयात्री सुबह 3:42 बजे पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुए, जहां से वे पवित्र गुफा की अपनी आगे की यात्रा के लिए आगे बढ़ेंगे। 

मौसम विभाग ने दोनों यात्रा मार्गों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने और दिन में बीच-बीच में हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है। यात्री यात्रा करने के लिए या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग या 14 किलोमीटर लंबे छोटे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं। समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना ​​है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।दोनों मार्गों पर तथा पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से अधिक लंगर (सामुदायिक रसोई) स्थापित किए गए हैं। 

इस वर्ष की यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक सेवादार यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं। 52 दिवसीय तीर्थयात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी। पिछले वर्ष 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में मत्था टेका था।


 


Content Editor

Neetu Bala

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