Rajouri : बड्ढाल में रहस्यमयी बीमारी का खौफ बरकरार, ठीक हो चुके मरीज अभी भी Observation में

Thursday, Feb 13, 2025-01:17 PM (IST)

राजौरी ( शिवम बक्शी ) :  राजौरी जिले के बडाल गांव में दो महीने पहले हुई रहस्यमयी मौतों की गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पाई है। जांच के बावजूद, प्रशासन मृतकों के सही कारण का पता लगाने में नाकाम रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में असमंजस का माहौल बना हुआ है।

7 दिसंबर 2024 से अब तक इस अनजान बीमारी से 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 13 बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि, बीते 25 दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है और अस्पताल में भर्ती सभी मरीज ठीक हो चुके हैं, फिर भी गांव में डर का माहौल कायम है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए एहतियाती कदमों से हालात काबू में तो आए हैं, लेकिन मौतों के असल कारण का पता न चल पाना चिंता का विषय है। उन्होंने प्रशासन से और केंद्र सरकार से जांच में तेजी लाने और सुरक्षा उपाय लागू करने की मांग की, ताकि गांव में सामान्य जीवन फिर से बहाल हो सके।

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उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा, "यह कोई साधारण मामला नहीं है। 17 निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। ऐसे में निष्पक्ष और गहन जांच के लिए सीबीआई को इस केस की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सजा मिल सके।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इंटर-मिनिस्ट्रियल टीमों को भेजा था, लेकिन अब तक कोई ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आया है। पुलिस द्वारा गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने कई लोगों से पूछताछ की, लेकिन अभी तक किसी ठोस सुराग तक नहीं पहुंच पाई है।

वहीं, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने स्पष्ट किया है कि इस बीमारी का कारण किसी संक्रामक वायरस या बैक्टीरिया से नहीं जुड़ा है। अब जांच दल इस संभावना पर काम कर रहे हैं कि मौतें किसी जहरीले पदार्थ की वजह से हुई हों।

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दिल्ली स्थित एम्स और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने गांव का दौरा किया और सैंपल एकत्रित किए हैं। फिलहाल, वे इन नमूनों में संभावित जहरीले तत्वों की जांच कर रहे हैं।

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज राजौरी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि सभी मरीज अब ठीक हो चुके हैं और उन्हें ऑब्जर्वेशन वार्ड में रखा गया है। “हमने मरीजों को दिए गए एंटीडोट्स से सकारात्मक असर देखा है, लेकिन अब भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मौतों की असली वजह क्या थी। फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट का इंतजार है,” उन्होंने कहा।

जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और गांव को अब भी सख्त निगरानी में रखा गया है। जब तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो जाती, सरकार ने प्रभावित लोगों को घर लौटने की अनुमति नहीं दी है।

डॉ. शमीम अहमद ने कहा, "सभी ठीक हो चुके मरीजों और उनके परिजनों को अभी जीएमसी राजौरी में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। हमें जल्द ही देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों से अंतिम रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद सरकार उचित निर्णय लेगी।"

राजौरी के बडाल गांव में रहस्यमयी मौतों की जांच दो महीने बाद भी अधूरी है। लोग अब भी डर और असमंजस में हैं, जबकि प्रशासन किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है। अब सभी की नजरें एम्स, पीजीआईएमईआर और एफएसएल की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे इस त्रासदी की असल वजह सामने आ सके।

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Content Editor

Neetu Bala

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