Rajouri : अभी नहीं मिलेगी मरीजों को अस्पताल से छुट्टी, चौंकाने वाला पहलू आया सामने
Wednesday, Jan 29, 2025-02:34 PM (IST)
राजौरी(शिवम बक्शी): जी.एम.सी. के प्रिंसिपल डॉ. ए.एस भाटिया की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति ने इस मामले की समीक्षा की और फैसला लिया कि अंतिम फॉरेंसिक रिपोर्ट आने तक मरीजों को छुट्टी नहीं दी जाएगी। डॉक्टरों ने बताया कि मरीजों को पहले एट्रोपिन उपचार से बाहर कर दिया गया था, लेकिन अब वे एहतियात के तौर पर निगरानी में रहेंगे।
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डॉ. भाटिया ने बताया कि इस समय यह स्पष्ट नहीं है कि बडाल गांव के निवासियों द्वारा कौन-सा जहरीला पदार्थ खाया गया था। हालांकि, स्टेटिकल डेटा के आधार पर इलाज शुरू किया गया था, जिसमें एट्रोपिन का इस्तेमाल किया गया। यह उपचार प्रभावी साबित हुआ और सभी मरीजों की 100% रिकवरी हुई।
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उन्होंने कहा कि वह अंतिम फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीजों को छुट्टी के समय सही दवाएं दी जा सकें, जो लंबे समय तक उनके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखें।
डॉ. भाटिया ने बताया कि मरीजों में ऑर्गेनोफॉस्फोरस जहर के सामान्य लक्षण नहीं दिखे, लेकिन एट्रोपिन ने प्रभावी रूप से काम किया। इससे यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या कोई दूसरा जहर भी इसमें शामिल था या एट्रोपिन किसी अन्य अज्ञात विष के खिलाफ भी प्रभावी है। उन्होंने इसे इस मामले का सबसे चौंकाने वाला पहलू बताया।
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डॉ. भाटिया ने चेतावनी दी कि कई जहरों के प्रभाव लंबे समय तक रह सकते हैं, जो सेवन के 3 से 6 सप्ताह बाद भी दिखाई दे सकते हैं। इस जोखिम को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों की टीम ने फैसला किया है कि मरीजों को तब तक अस्पताल में रखा जाएगा जब तक फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट नहीं आ जाती और उन्हें उचित उपचार सुनिश्चित नहीं किया जा सकता।
डॉ. भाटिया ने कहा कि केंद्रीय फॉरेंसिक लैब से आने वाली रिपोर्ट के आधार पर ही मरीजों को डिस्चार्ज किया जाएगा, ताकि उनकी लंबे समय तक सेहत और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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