आदिवासी लड़कियों के लिए यह पहल बना आर्थिक मजबूती का कारण, पढ़ें पूरी खबर

Saturday, Jun 08, 2024-11:01 AM (IST)

बांदीपुरा(मीर आफ़ताब) : जम्मू और कश्मीर के भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान विभाग की एक पहल के तहत बांदीपुरा गांव की आदिवासी लड़कियों को कालीन बुनाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना है।

इस केंद्र में लगभग 30 लड़कियां शामिल हुई हैं, जो इस क्षेत्र की स्थानीय आदिवासी लड़कियों को कौशल प्रदान करने वाला पहला केंद्र है। इस केंद्र की स्थापना भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर द्वारा की गई है और इसे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्तीय और विकास निगम द्वारा प्रायोजित किया गया है।

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शेखपोरा बांदीपुरा की स्थानीय लड़की नरगिस खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने कैटलेट बुनाई में पांच महीने का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले वे अपने घरों में बैठती थीं, अब वे कालीन बुनाई के कौशल का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। इस काम से वे कमा सकती हैं और स्वतंत्र हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह केंद्र उनके आदिवासी गांव का पहला केंद्र है, जिसमें लड़कियां पेशेवर प्रशिक्षकों से ट्रेनिंग ले रही हैं। वे यहां नए कौशल सीख रही हैं, जिसके लिए वे सरकार के इस पहल के लिए आभारी हैं।

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बांदीपुरा के सरकारी डिग्री कॉलेज में बी.ए. के लास्ट ईयर की छात्रा रिफ़त मज़नूर ने कहा कि आज के दौर में कुछ कौशल होना बहुत ज़रूरी है, ख़ास तौर पर लड़कियों के लिए। उन्होंने आगे कहा कि यह केंद्र उनके समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहा है, क्योंकि लड़कियां केंद्र में नए कौशल सीखने के लिए आगे आ रही हैं। उनके पास इन कौशलों को सीखने के कई अवसर हैं। आदिवासी लड़कियां भी आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं, लेकिन कम अवसर उन्हें पीछे धकेल देते हैं। एक अन्य लड़की आसिया ने कहा पहले वे सिर्फ़ घरेलू कामों तक ही सीमित थे। उन्होंने पिछले पांच महीनों से कालीन बुनाई का कौशल सीखा है। अब वे अपने घर में आसानी से अपनी आजीविका कमा सकते हैं।


Content Writer

Sunita sarangal

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