LG की शक्तियों में हुई बढ़ौतरी से विपक्षी दलों में मचा बवाल, विरोध में उतरी कई पार्टियां
Sunday, Jul 14, 2024-12:01 PM (IST)
जम्मू: नई दिल्ली की तर्ज पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार कार्य संचालन नियम 2019 में संशोधन कर कई और अधिकार व शक्तियां उपराज्यपाल को प्रदान किए जाने पर विपक्षी दलों ने कड़ा एतराज जताया है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के गठन के बाद भी उपराज्यपाल के पास ही पुलिस, लोक व्यवस्था और आखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार रहेगा।
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प्रशासनिक सचिवों की नियुक्ति और स्थानांतरण पर भी उपराज्यपाल की सहमति आवश्यक होगी। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल को और शक्तियां दिए जाने का विरोध करते हुए कहा है कि इससे जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री केवल रबर स्टैंप बनकर रह जाएगा। यहां तक कि चपरासी की नियुक्ति करने के लिए भी मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल से आग्रह करना पड़ेगा। नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा है कि भाजपा सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और जम्मू कश्मीर के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है।
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पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी केंद्र सरकार के आदेश का कड़ा विरोध करते हुए कहा हैं कि जम्मू कश्मीर की आगामी निर्वाचित सरकार को कमजोर करने के लिए यह आदेश जारी किया गया है। वहीं, पीडीपी की मीडिया सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती का कहना है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी हार को पहले ही स्वीकार कर लिया है। भाजपा जानती है कि वह विधानसभा चुनाव हारेगी। ऐसे में निर्वाचित सरकार को कमजोर करने का काम किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विकार रसूल ने आदेश को लोकतंत्र की हत्या बताया है। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव करवाने के बजाय उपराज्यपाल की शक्तियों का बढ़ाकर लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने प्रदेश की सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने और केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ एक स्वर में आवाज उठाने की अपील कर दी है। बुखारी ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर विधानसभा को शक्ति विहीन बनाना चाहता हैं तो यह कतई स्वीकार नहीं है।