जम्मू-कश्मीर में पानी और बिजली की कमी पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला, पढ़ें

Saturday, May 03, 2025-08:33 PM (IST)

अनंतनाग (मीर आफताब) : नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह के परिवार से मुलाकात की। आदिल ने 22 अप्रैल के हमले में पर्यटकों की जान बचाते हुए अपनी जान दे दी थी। इस हमले में 26 लोग, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे, मारे गए। डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आदिल के पिता हैदर शाह को पहलगाम के विधायक अल्ताफ कालू की एक महीने की तनख्वाह सौंप दी। आदिल के पिता ने डॉ. फारूक और अन्य नेताओं का धन्यवाद किया कि उन्होंने उनके दुख में साथ दिया।

पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अब समय आ गया है कि इंडस वॉटर ट्रीटी (सिंधु जल संधि) की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अपने खुद के नदी होने के बावजूद लोग पानी की भारी किल्लत झेल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम काफी समय से कह रहे हैं कि इस संधि की समीक्षा होनी चाहिए। हम पर इस संधि की वजह से बहुत परेशानी आई है। हमारे पास अपनी नदियां हैं, फिर भी हमें पानी नहीं मिल रहा। हम यह नहीं कह रहे कि पाकिस्तान को पानी देना बंद कर दो, लेकिन हमें भी इसका अधिकार है।

उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र में पानी की बड़ी समस्या है। हमने कोशिश की कि चिनाब नदी से जम्मू के लोगों को पानी दिया जाए, लेकिन वर्ल्ड बैंक ने मना कर दिया और कहा कि यह इंडस वॉटर ट्रीटी के तहत आता है। अब वक्त आ गया है कि चिनाब से जम्मू में पानी लाया जाए।

डॉ. फारूक ने यह भी कहा कि हमें बिजली की भी कमी का सामना करना पड़ रहा है। हम इन नदियों से हजारों मेगावाट बिजली बना सकते हैं। हमें बिजली से वंचित नहीं रहना चाहिए। इन मुद्दों को अब ठीक करना जरूरी है।

उन्होंने यह भी कहा कि आज सबसे बड़ा संदेश यह है कि पर्यटक डरे हुए नहीं हैं और उन्होंने पहलगाम हमले के अपराधियों के बुरे इरादों को परास्त कर दिया है। जो लोग भय फैलाना चाहते थे, वे हार गए हैं। इस कृत्य में शामिल आतंकवादी हार गए हैं। आज यह साबित हो गया है कि हम डरने वाले नहीं हैं। कश्मीर हमेशा भारत का हिस्सा था और रहेगा।


Content Editor

VANSH Sharma

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News