जम्मू-कश्मीर में बड़ा Fraud Case, करोड़ों की ठगी मारने वाला फर्जी आर्मी अफसर गिरफ्तार
Wednesday, Jul 09, 2025-09:07 PM (IST)

जम्मू (तनवीर सिंह): जम्मू पुलिस ने एक बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए 75 लाख रुपये की रकम वापस दिलाई है और इसे 17 पीड़ितों में बांटा गया है। यह कार्रवाई नए आपराधिक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत की गई है, जिसमें पीड़ितों को प्राथमिकता दी जाती है।
इस धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी हरप्रीत सिंह है, जो जम्मू के पलनवाला इलाके का रहने वाला है। उसने खुद को भारतीय सेना का लेफ्टिनेंट कर्नल बताकर लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उसने MES, रक्षा मंत्रालय और DRDO जैसे संस्थानों में नौकरी दिलाने की बात कहकर लोगों से कुल 2.39 करोड़ रुपये ठग लिए।
6 नवंबर 2024 को नगरोटा के अरुण शर्मा नाम के व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसी आधार पर पुलिस ने अगले ही दिन हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि हरप्रीत ने ठगी का पैसा चन्नी भेजा इलाके में एक डुप्लेक्स मकान खरीदने में लगाया था। यह मकान कमलजीत कौर नाम की महिला को बेचा जा रहा था और इसकी कीमत 2.22 करोड़ रुपये थी। इसमें से हरप्रीत ने 1.93 करोड़ रुपये नकद और ऑनलाइन भुगतान किया था।
इसके बाद पुलिस ने कोर्ट से अर्जी लगाई, और 18 जनवरी 2025 को कोर्ट ने BNSS की धारा 107(5) के तहत संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया। तहसीलदार ने मकान को सील कर दिया और आरोपी को 14 दिन में पैसे के स्रोत का सबूत देने को कहा।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान, कमलजीत कौर ने माना कि उन्होंने आरोपी से 1.53 करोड़ रुपये लिए थे। उन्होंने 50 लाख रुपये 7 दिनों में और बाकी 1.03 करोड़ रुपये दो महीनों में लौटाने का वादा किया। इस बीच कोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक पूरा पैसा नहीं लौटाया जाता, मकान किसी को बेचा नहीं जा सकता। कोर्ट ने SSP जम्मू को एक खास खाता खोलने का निर्देश दिया ताकि ठगे गए लोगों को उनका पैसा लौटाया जा सके।
आज, इसी आदेश के तहत, 75 लाख रुपये की रकम 17 लोगों में चेक के जरिए बांटी गई। जम्मू-कश्मीर में यह पहला मामला है जब BNSS कानून के तहत पीड़ितों को उनका पैसा वापस मिला है। इस पूरे केस की गहराई से जांच इंस्पेक्टर परवेज सज्जाद (एसएचओ नगरोटा) ने की। उन्हें डीवाईएसपी विनोद कुंडल और एसपी बृजेश शर्मा ने मार्गदर्शन दिया। पूरी प्रक्रिया की निगरानी एसएसपी जम्मू श्री जोगिंदर सिंह कर रहे थे। इस काम में कानूनी मदद सीनियर प्रॉसिक्यूटिंग अफसर अल्ताफ वहीद और वित्तीय सलाह अकाउंट ऑफिसर कमल भगत ने दी। यह मामला दिखाता है कि अब नया कानून पीड़ितों को न्याय दिलाने पर जोर दे रहा है और धोखाधड़ी जैसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई हो रही है।
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