जम्मू-कश्मीर में लोगों को मिलेगा रोजगार, बनने जा रहा करोड़ों के खर्च का Tourist Place
Friday, Dec 06, 2024-12:31 PM (IST)
जम्मू: जम्मू के स्थित मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लैक्स अब एक अहम Tourist Place बनने जा रहा है। इसके बनने से स्थानी लोगों के रोजगार में वृद्धि होगी, कमाई के कई साधन उपलब्ध होंगे। आप को बता दें कि मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने वीरवार को मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लैक्स ( Mubarak Mandi Heritage Complex) का दौरा कर निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि पी.पी.पी. मोड के तहत विकसित किए गए हिस्से के साथ यह परिसर जम्मू शहर में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनने जा रहा है। उन्होंने मुबारक मंडी में पिछले कुछ वर्षों से चल रहे संरक्षण और सुरक्षा के कार्यों की प्रगति का मौके पर जाकर जायजा लिया।
मुख्य सचिव ने परिसर की विभिन्न विरासत इमारतों का दौरा किया और वहां किए जा रहे संरक्षण कार्यों का संज्ञान लिया। उन्होंने संबंधित एजैंसियों को न्यूनतम समय सीमा के भीतर सभी कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने डोगरा कला संग्रहालय की मेजबानी करने वाले पुनर्निर्मित दरबार हॉल के अंदर जाकर विभिन्न खंडों का दौरा किया और वहां प्रदर्शित कलाकृतियों के ऐतिहासिक भंडार को देखा।
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उन्होंने राजा राम सिंह और राजा अमर सिंह महलों जैसी संरचनाओं में किए जा रहे जीर्णोद्धार कार्यों में हुई प्रगति का भी जायजा लिया। संग्रहालय भवन जल्द ही पूरा होने वाला है, जिसमें इस स्मारक के विभिन्न हिस्सों में प्रस्तावित ऐतिहासिक रूप से मूल्यवान पुरावशेषों की एक श्रृंखला रखी जाएगी। उन्होंने आगंतुकों की सुविधा के लिए बहुमंजिला पार्किंग स्थल के विकास की आवश्यकता का भी आकलन किया। मुख्य सचिव ने उम्मीद जताई कि वर्तमान में निष्पादित जीर्णोद्धार, संरक्षण और सुरक्षा कार्य अगले 2 वर्षों में पूरे हो जाएंगे, ताकि यह परिसर एक आकर्षक पर्यटन स्थल बन सके।
प्रमुख सचिव, संस्कृति, सुरेश कुमार गुप्ता ने इस मेगा परियोजना के अन्य पहलुओं के अलावा संरक्षित संरचनाओं के अनुकूली पुन: उपयोग की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिसर के पीछे रानी चाढक महल, पिंक हॉल आदि भव्य संरचनाओं को पी.पी.पी. मोड में विकसित किया जा रहा है।
विभिन्न परियोजनाओं पर खर्च होंगे 144.15 करोड़
कार्यकारी निदेशक, एम.एम.जे.एच.एस. दीपिका शर्मा ने इस परिसर के संरक्षण के उद्देश्यों के बारे में समग्र परिचय दिया। उन्होंने अब तक किए गए कार्यों का विवरण दिया और प्रदर्शन दीर्घाओं, संग्रहालयों, पुस्तकालय और सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में उपयोग की जाने वाली विभिन्न संरचनाओं के लिए भविष्य की पुन: उपयोग योजनाओं के बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि इस परिसर के संरक्षण के लिए पहला विजन दस्तावेज वर्ष 2008 में इनटैक द्वारा तैयार किया गया था और बाद में एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया गया और 2019 में इसे मंजूरी दी गई। मुख्य रूप से, परिसर को सार्वजनिक क्षेत्र, ज्ञान केंद्र, व्याख्या और संग्रह दीर्घाओं, जीवन शैली, अनुभवात्मक स्थानों और शिल्प बाजार सहित 06 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इस मास्टर प्लान के तहत इस हेरिटेज कॉम्प्लैक्स की विभिन्न उप-परियोजनाओं पर 144.15 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। कुछ उप-परियोजनाओं पर काम पूरा हो चुका है और अन्य उप-परियोजनाओं पर काम समय पर पूरा होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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