J&K: विभाग की सभी लोगों को चेतावनी, इन जरूरी चीजों का रखें ध्यान
Tuesday, Dec 09, 2025-07:42 PM (IST)
श्रीनगर (मीर आफ़ताब): इस साल पूरे कश्मीर में आग लगने की घटनाओं में कमी आने के बावजूद, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज़ (F&ES) डिपार्टमेंट ने लोगों को सर्दियों के महीनों में सतर्क रहने की चेतावनी दी है, जब हीटिंग और खाना पकाने वाले गैजेट्स के इस्तेमाल के कारण आग लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज़ के अधिकारियों ने कहा कि हालांकि जागरूकता कैंपेन ने कुल घटनाओं की संख्या कम करने में मदद की है, लेकिन सर्दियां आग के खतरे के लिहाज़ से अभी भी एक क्रिटिकल समय हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले साल श्रीनगर में लगभग 720 आग की घटनाएं दर्ज हुई थीं, जबकि इस साल अब तक 468 मामले सामने आए हैं। औसतन, मासिक मामलों की संख्या 60 से घटकर 42 पर आ गई है, जो एक सकारात्मक संकेत है। यह कमी मुख्य रूप से हमारे डायरेक्टर के निर्देश पर चलाए गए जागरूकता अभियानों की वजह से है।

उन्होंने यह भी कहा कि गिरावट के बावजूद, सर्दियों में बिजली और LPG-बेस्ड हीटिंग गैजेट्स के बढ़ते इस्तेमाल के कारण आग लगने की घटनाएं गर्मियों की तुलना में अधिक होती हैं।
अधिकारियों ने सलाह दी है कि लोग यह सुनिश्चित करें कि सभी गैजेट्स—चाहे इलेक्ट्रिक हीटर हों, LPG बुखारी हों या गीज़र—इस्तेमाल से पहले ISI-मार्क वाले और टेस्ट किए गए हों। महीनों से रखे हुए उपकरणों को चालू करने से पहले उनकी जांच और सर्विस ज़रूर करवाई जाए। उन्होंने यह भी बताया कि घटिया या ओवरलोडेड डिवाइस अक्सर शॉर्ट सर्किट और आग का कारण बनते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, कश्मीर में आग की घटनाओं के दो मुख्य कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट और LPG लीक हैं। ज़्यादातर मामले इन्हीं कारणों से होते हैं। खराब वायरिंग, सॉकेट का ओवरलोड होना या नॉन-स्टैंडर्ड सर्किट ब्रेकर का उपयोग आम वजहें हैं। LPG मामलों में, बंद कमरों में लीक बेहद खतरनाक हो सकता है।
अधिकारियों ने LPG-बेस्ड हीटिंग सिस्टम का उपयोग करने वाले लोगों को हमेशा सही वेंटिलेशन बनाए रखने की सलाह दी, क्योंकि जलने की प्रक्रिया में ऑक्सीजन की खपत होती है, और अगर गैस कमरे में जमा हो जाए तो दम घुटने या धमाका होने की संभावना रहती है।
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