लोकतांत्रिक सरकार ने शुरू की बजट की कवायद, विभागों से मांगा ब्यौरा
Thursday, Nov 21, 2024-08:02 PM (IST)
जम्मू : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की लोकतांत्रिक सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट को लेकर कवायद शुरू कर दी है। जनवरी-फरवरी में बजट सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार अपना पहला बजट पेश करेगी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपनी सरकार का बजट प्रस्तुत कर सकते हैं क्योंकि वित्त विभाग उनके पास है।
ये भी पढ़ेंः घरों में भर लें राशन, इतने दिनों का लगने जा रहा lockdown ! जारी हुआ Alert
वर्ष 2025-26 के बजट को लेकर वित्त विभाग ने सभी विभागों से बजट पर चर्चा के लिए समय सारिणी तय कर दी है और 27 नवम्बर से संबंधित विभागों के साथ बजट पर चर्चा शुरू होगी जो 20 दिसम्बर तक चलेगी। बैठकों में वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान और वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान पर चर्चा होगी। इसमें सी.एस.एस., पी.एम.डी.पी., ऋण तत्वों पर चर्चा की जाएगी। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि अपनी ए.टी.आर. दाखिल की जाए जिसमें उन्हें विस्तार से अनुपाल रिपोर्ट और वित्तीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन बारे कहा गया है।
वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि अपने डाटा, स्टाफ, जगह और अनुबंधित स्टाफ के साथ पी.पी.टी. में जानकारी प्रदान करें और बताएं कि कितना राजस्व प्राप्त किया एवं पिछले पांच साल में कितने बड़े प्रौजैक्ट शुरू किए गए, जिसमें देनदारी चल रहे प्रोजैक्ट में कितनी है। बजट बैठकों में बुलाने पर ही अधिकारियों को आना होगा जबकि कश्मीर के अधिकारी वीडियो कांफ्रैंस के माध्यम से भाग लेंगे।
ये भी पढ़ेंः Jammu Kashmir में चला ट्रेफिक पुलिस डंडा... नाबालिग वाहन चालकों पर लिया ये Action, Video में देखेंं
गठबंधन सरकार में किसी भी मंत्री के पास वित्त विभाग नहीं है और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला यह बजट प्रस्तुत कर सकते हैं या किसी अपने साथी जो जिम्मेदारी सौंपंगे। इससे पहले नैकां के अब्दुल रहीम राथर वित्त मंत्री रहते अधिकांश बजट प्रस्तुत कर चुके हैं जबकि पी.डी.पी. सरकार में डॉ. हसीब द्राबू ने बजट प्रस्तुत किया था। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद लोकतांत्रिक सरकार का पहला बजट होगा।
गठबंधन सरकार के लिए चुनौती पूर्ण होगा बजट
जम्मू-कश्मीर की लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार के लिए अपना पहला बजट चुनौतीपूर्ण होगा। गठबंधन सरकार के घटक नैशनल कांफ्रैंस और कांग्रेस ने जो अपने चुनाव घोषणा पत्र में घोषणाएं की थीं, उन्हें पूरा करने का सरकार पर दबाव रहेगा। जिस ढंग से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व की सरकार ने जनहित को लेकर कदम उठाए हैं, उसे देखते हुए जनता में आकांक्षाएं बढ़ गई हैं और बढ़ी घोषणाओं पर नजर रहेगी।
चुनाव में राशन बढ़ौत्तरी, 12 सिलैंडर और 200 यूनिट मुफ्ती बिजली को लेकर सरकार कैसे वित्तीय प्रबंधन करेगी, उसे लेकर वितीय चुनौतियों से सरकार को जूझना पड़ेगा। जो बजट पारित कर सरकार केंद्र को भेजेगी, उसमें केंद्र सरकार कितनी कटौती करता है, यह भी देखा जाएगा।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here