Jammu Kashmir में एक और डॉक्टर पत्नी समेत गिरफ्तार, CIK ने की कार्रवाई

Tuesday, Nov 18, 2025-09:03 PM (IST)

श्रीनगर (मीर आफताब): काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने मंगलवार को एक डॉक्टर और उनकी पत्नी को गैरकानूनी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोप में हिरासत में लिया है। सीआईके के प्रवक्ता ने अपने बयान में बताया कि एजेंसी ने श्रीनगर, कुलगाम और अनंतनाग जिलों में चार स्थानों पर समन्वित तलाशी अभियान चलाया।

प्रवक्ता के अनुसार, तलाशी अभियान के दौरान दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया। इनमें बुगाम, कुलगाम निवासी शहज़ादा अख्तर शामिल हैं, जो वर्तमान में शीरन बाग, श्रीनगर में रहती हैं। वह डॉ. उमर फ़ारूक़ भट की पत्नी हैं। डॉ. उमर फ़ारूक़ भट फिलहाल एसएमएचएस अस्पताल, शीरन बाग श्रीनगर के सुपर स्पेशियलिटी विभाग में कार्यरत हैं।

सीआईके टीमों ने तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री ज़ब्त की। बरामदगी में पाँच मोबाइल फोन, पाँच सिम कार्ड, एक टैबलेट डिवाइस सहित अन्य डिजिटल और दस्तावेज़ी साक्ष्य व साहित्य शामिल हैं।

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि सरकारी कर्मचारी डॉ. उमर फ़ारूक़ ऑनलाइन माध्यम से गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल पाए गए। आरोप है कि उन्होंने अपने सरकारी पद और सामाजिक प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करते हुए ऐसी गतिविधियाँ कीं, जो सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक थीं। यह भी कहा गया कि दोनों आरोपी अपने सामाजिक और पेशेवर दर्जे का इस्तेमाल कर इन गतिविधियों को छिपाने की कोशिश कर रहे थे।

महिला संदिग्ध शहज़ादा अख्तर पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि वह ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय महिलाओं को कट्टरपंथी बनाने, विभाजनकारी विचार फैलाने और सामुदायिक संपर्कों के बहाने संवेदनशील समूहों को प्रभावित करने में शामिल पाई गई हैं। प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत से उनके संभावित संबंधों की जांच जारी है।

सीआईके ने बताया कि जब्त किए गए सभी डिजिटल उपकरणों का विस्तृत फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे दुष्प्रचार और चरमपंथी सामग्री से जुड़े व्यापक डिजिटल नेटवर्क के खुलासे की संभावना है। शुरुआती सुराग संकेत देते हैं कि यह नेटवर्क सहयोगियों और समर्थकों के बड़े तंत्र से जुड़ा हो सकता है, जिसका उद्देश्य उग्रवादी विचारों को बढ़ावा देना और जनता की धारणा को प्रभावित करना था।

यह कार्रवाई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196, 152, 351(2) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 05/2025 के आधार पर की गई। तलाशी के आदेश माननीय नामित न्यायालय (एनआईए अधिनियम), श्रीनगर द्वारा जारी वारंट के तहत दिए गए थे।

प्रवक्ता ने कहा कि ये तलाशी उन व्यक्तियों के खिलाफ चल रही व्यापक कार्रवाई का हिस्सा हैं, जो सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सीमा-पार आकाओं के साथ मिलकर आतंकवादी, अलगाववादी और विभाजनकारी एजेंडा आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। आरोप है कि संबंधित व्यक्तियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग गलत सूचना फैलाने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, हिंसा भड़काने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए किया, जिससे भारत संघ की शांति और संप्रभुता को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा था।

प्रवक्ता के अनुसार, यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि कोई भी व्यक्ति—चाहे उसका पद, पेशा या सामाजिक प्रतिष्ठा कुछ भी हो—आतंकवाद को बढ़ावा देने या सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करने के लिए अपने सामाजिक या डिजिटल प्रभाव का इस्तेमाल नहीं कर सकता।

सीआईके ने कहा कि वह आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र, जिसमें इसके संचालक, सूत्रधार, समर्थक, प्रमोटर और प्रचारक शामिल हैं, को समाप्त करने के अपने मिशन में दृढ़ है। जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी कार्रवाइयों की संभावना जताई गई है। 

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Content Editor

VANSH Sharma

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