लद्दाख Gen-Z Protest ने लिया भयानक मोड़: अब तक इतनी मौतें, कई घायल
Wednesday, Sep 24, 2025-08:21 PM (IST)

जम्मू-कश्मीर डेस्क: लेह में बुधवार 24 सितंबर को राज्य का दर्जा (Statehood) और छठी अनुसूची (Sixth Schedule) की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन भड़क गया। यह प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था, लेकिन दोपहर बाद युवाओं और पुलिस के बीच झड़पें हो गईं। हालात बिगड़ने पर भीड़ ने बीजेपी ऑफिस को नुकसान पहुंचाया और पुलिस व CRPF की गाड़ियों में आग लगा दी।
इस वजह से अब विरोध प्रदर्शन बहुत गंभीर हो गया है। झड़प के दौरान कई लोग मारे गए और कई घायल हुए। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस झड़प में कम से कम 4 लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 से 70 लोग घायल हुए हैं। कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और कुछ की हालत गंभीर है।
घटनाओं के बाद प्रशासन ने लेह में पाबंदी आदेश जारी कर दिए हैं। अब पांच या उससे अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई है और किसी भी रैली, मार्च या प्रदर्शन के लिए पहले से अनुमति जरूरी होगी। यह आंदोलन 2019 में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलग होने के बाद से लगातार चल रही नाराज़गी से जुड़ा है। स्थानीय लोग राज्य का दर्जा, संवैधानिक गारंटी और अधिक राजनीतिक अधिकार की मांग कर रहे हैं।
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी इस आंदोलन से जुड़े हैं। वे पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर थे, लेकिन हिंसा के बाद उन्होंने अनशन तोड़ दिया और युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की। वांगचुक ने कहा कि उनका उद्देश्य न्याय और संवाद है, न कि हिंसा।
केंद्र सरकार और स्थानीय प्रतिनिधियों के बीच अगली वार्ता 6 अक्टूबर को तय की गई है। इस बीच सोशल मीडिया पर भी राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि न केवल लद्दाख बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोग भी राज्य का दर्जा न मिलने से ठगा और निराश महसूस कर रहे हैं। वहीं महबूबा मुफ़्ती ने भी केंद्र से ईमानदारी से स्थिति की समीक्षा करने की अपील की है।
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