श्रीनगर से रवाना हुआ ऐतिहासिक नगर कीर्तन, CM उमर अब्दुल्ला व पंजाब CM भगवंत मान एक मंच पर

Wednesday, Nov 19, 2025-11:39 PM (IST)

जम्मू-कश्मीर डेस्क: श्रीनगर में सोमवार को गुरुद्वारा छठी पातशाही साहिब से श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित विशाल नगर कीर्तन पूरे सम्मान और आध्यात्मिक माहौल के बीच श्री आनंदपुर साहिब के लिए रवाना हुआ। नगर कीर्तन की शुरुआत के दौरान पूरा क्षेत्र “जो बोले सो निहाल” के जयकारों से गूंज उठा।

इस विशेष अवसर पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला स्वयं श्रीनगर में मौजूद रहे। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी संगत में शामिल हुए। तीनों नेताओं ने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेककर शांति, मानवता और भाईचारे की भावना को बढ़ाने का संदेश दिया।

नगर कीर्तन श्रीनगर से शुरू होकर पहले जम्मू पहुंचेगा, जहां संगत की बड़ी संख्या इसके स्वागत के लिए तैयार है। 19 नवंबर को जम्मू में बड़े स्तर पर विश्राम कार्यक्रम रखा गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संपूर्ण सुरक्षा और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। काफिले में एम्बुलेंस, डिजिटल म्यूज़ियम, लंगर सेवा और धर्म प्रचार से संबंधित विशेष रथ शामिल हैं, जिनका जम्मू-कश्मीर के श्रद्धालुओं में विशेष आकर्षण है।

गुरु तेग बहादुर जी का कहना था कि हर धर्म को मानने की आज़ादी, इंसानों के अधिकार और आपसी भाईचारा बहुत जरूरी हैं। यह बातें जम्मू-कश्मीर की मिलीजुली संस्कृति और अलग-अलग धर्मों की पहचान से जुड़ी हुई हैं। नेताओं ने कहा कि गुरु जी की सीख आज के समय में और भी ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है।

नगर कीर्तन श्रीनगर से रवाना होकर जम्मू, पठानकोट, दसूहा, होशियारपुर, माहिलपुर और गढ़शंकर से होता हुआ 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब पहुंचेगा। 20 नवंबर को फरीदकोट, तलवंडी साबो और गुरदासपुर से भी नगर कीर्तन रवाना होंगे। सभी जुलूस 22 नवंबर को एक साथ श्री आनंदपुर साहिब में संपन्न होंगे।

23 से 25 नवंबर तक श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले प्रमुख समागमों में जम्मू-कश्मीर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। “चक्क नानकी” टेंट सिटी, इंटर-फेथ कॉन्फ्रेंस, ड्रोन शो, प्रदर्शनी और 25 नवंबर को रक्तदान एवं पौधारोपण कार्यक्रम प्रमुख आकर्षण रहेंगे। जम्मू-कश्मीर से आए श्रद्धालुओं और संत-समाज ने इस आयोजन को गुरु तेग बहादुर जी की अमर शहादत को समर्पित एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक यात्रा बताया।

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Content Editor

VANSH Sharma

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