क्यों हरे भरे खेत बन गए कब्रिस्तान, पढ़ें Exclusive Story
Saturday, Jan 18, 2025-12:19 PM (IST)
राजौरी(अमित शर्मा): आखिर बदहाल गांव को किसकी नज़र लग गई? क्यों हो रही है एक के बाद एक मौत? रहस्यमयी बीमारी ने गाव में हड़कंप मचा दिया है। 16 लोगों की मौत के कारण का अधिकारियों की जांच टीम पता लगाने में जुटी है।
हरे भरे खेत इस गाव में कब्रिस्तान बन गए। पेट दर्द, बुखार और सांस फूलने से गाव में लोगों की मौतें हो रही हैं। अब तक 16 लोग अपनी जांन गंवा चुके हैं लेकिन मौतों का कारण पता नहीं लगा। गाव में इस समय डर और दहशत का मोहल बना हुआ है। जिस गाव में अतिथियों का सम्मान किया जाता था वहां आज कोई डर के मारे पानी भी नहीं पिलाता। यह कहानी राजौरी जिले के बदहाल गांव की है, जहां आज एक रहस्यमयी बीमारी के कारण 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
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इन हो रही लगातार मौतों से अधिकारियों के हाथ-पैर फूले हुए हैं। दो महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद मौतों का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। वहीं शुक्रवार को जट्टी बेगम (60) की मौत हुई, जो इस कड़ी में सबसे ताजा मौत है। इस बीमारी से एक और लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है। ये मौतें जम्मू जिले के बदहाल गांव में हुई हैं, जो कोटरंका सब-डिवीजन के तहत आता है। दिसंबर महीने से अब तक तीन परिवारों के 16 सदस्य अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें से 7 मौतें इस रविवार के बाद हुई हैं।
अधिकारियों ने प्रभावित परिवारों के तीन घरों को सील कर दिया है और 21 करीबी रिश्तेदारों को सरकारी आवास में ट्रांसफर कर दिया है, ताकि उन्हें कड़ी निगरानी में रखा जा सके। एक टीम की अगुवाई अतिरिक्त उप आयुक्त दिल मीर कर रहे हैं, जिनके साथ सुरक्षाकर्मी भी तैनात हैं। इस बीच बदहाल पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशंस) वजाहत हुसैन की अध्यक्षता में एक 11 सदस्यीय एस.आई.टी. का गठन किया गया है, जो इन मौतों की जांच करेगा।
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जट्टी बेगम के पति मोहम्मद यूसुफ की तीन दिन पहले अस्पताल में मौत हो गई थी। मोहम्मद असलम की 15 वर्षीय बेटी यास्मीन कौसर की हालत गंभीर है और वह जम्मू के एस.एम.जी.एस. अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं।
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बताया कि स्थिति पर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है। स्वास्थ्य और परीक्षण एजेंसियों की कई टीमें इस मामले की जांच में लगी हैं। उन्होंने कहा अब तक किसी भी वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण का कोई प्रमाण नहीं मिला है। जांच जारी है और एस.आई.टी. का गठन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि एस.आई.टी. गांव के सभी खाद्य पदार्थों और दवाओं की जांच करेगी और नमूनों को परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा।
जांच दल ने घटनास्थल की जांच शुरू कर दी है और गांववासियों से पूछताछ की जा रही है। केंद्रीय टीम, जिसमें स्वास्थ्य और परीक्षण संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं, गांव में मौजूद है। केंद्रीय विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान संस्थान (सी.एस.आई.आर.-आई.आई.टी.आर.) द्वारा किए गए वायरस और जहर की जांच में कई जैविक सैंपलों में जहरीले पदार्थ पाए गए हैं।
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पिछली घटनाओं में 7 दिसंबर को एक परिवार के 7 सदस्य सामुदायिक भोजन के बाद बीमार हो गए थे, जिनमें से 5 की मौत हो गई थी। 12 दिसंबर को एक और परिवार प्रभावित हुआ था, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई। ये घटनाएं किसी संक्रामक बीमारी से संबंधित नहीं बताई जा रही हैं।
इन सब मौतों के सिलसिले के बाद गाव के लोगों की आंखों में आंसू और दिल में गम था। हर कोई यह कह रहा था कि आखिरकार इस गांव को किसकी नजर लग गई है। क्यों एक के बाद एक इस गांव में मौतें हो रही हैं और ये मौतें कम नहीं लगभग 16 हो गई। लोग कहते हैं कि जल्द से जल्द इसका पता लगना चाहिए ताकि किसी और की जान ना जाए। गांव के लोग डरे और सहमे हुए हैं। इस गांव के लोगों के दिल में गुस्सा भी देखा गया। गांव के लोग कहते हैं कि एक साथ 16 लोगों की मौतें उन्होंने कभी नहीं देखी। यह पहली बार ऐसा मंजर देखने को मिल रहा है।
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गांव के लोग हाथ उठाकर अमन और शांति की दुआ मांग रहे हैं और रब से यह फरियाद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इसके पीछे जो भी है वह सामने आए ताकि इस गांव में आई हुई आफत दूर हो सके और अन्य किसी की जान ना जाए। लोग यह कहते हैं कि अगर यह कोई बीमारी होती तो पूरे गांव को लगती मगर यह सिर्फ एक ही परिवार को लग रही है तीन घरों का एक ही परिवार है और एक ही परिवार के लोग मारे जा रहे हैं।
वहीं एडिशनल डिप्टी कमिश्नर कोटरनका दिल मीर ने बातचीत करते बताया कि उनके द्वारा हर तरह की मदद इन लोगों तक पहुंचाई जा रही है। खाना-पीना भी इनका चैक किया जा रहा है। फिलहाल जहां पर ये रह रहे थे उन घरों को लॉक कर दिया है और वहां पर सेनीटाइज किया जा रहा है। जिला अध्यक्ष राजौरी अभिषेक शर्मा की तरफ से रेड क्रॉस सोसाइटी फंड के द्वारा इन लोगों को एक-एक लाख रुपया भी दिया गया है।
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