झिड़ी मेले को क्यों कहते हैं किसान मेला....क्या है इसके पीछे का इतिहास, जानें
Saturday, Nov 01, 2025-12:55 PM (IST)
जम्मू ( तनवीर ) : जम्मू के झिड़ी गांव में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाला झिड़ी मेला, जिसे किसान मेला के नाम से भी जाना जाता है, क्षेत्र की लोक परंपरा और आस्था का अद्भुत संगम है। यह मेला केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि किसानों के संघर्ष, मेहनत और न्यायप्रियता की मिसाल भी है।
इस मेले का सबसे प्रमुख कारण बाबा जित्तो जी की स्मृति से जुड़ा है — वे स्वयं एक किसान थे जिन्होंने अपनी कठिन मेहनत और समर्पण से बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया। उनकी जीवनगाथा किसानों के आत्मसम्मान और न्याय के लिए संघर्ष की प्रतीक है। बाबा जित्तो जी और उनकी बेटी बुआ कौड़ी ने अन्याय के विरुद्ध खड़े होकर समाज को ईमानदारी और निडरता का संदेश दिया।
मेले का आयोजन ऐसे समय पर होता है जब किसान अपनी धान की फसल की कटाई पूरी कर चुके होते हैं। फसल घर आने के बाद वे इस मेले में पूरे उत्साह और उमंग के साथ शामिल होते हैं, जिससे यह मेला वास्तव में किसानों के परिश्रम का पर्व बन जाता है।
झिड़ी मेला न केवल श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है, बल्कि यह जम्मू क्षेत्र की कृषि संस्कृति, लोक परंपरा और सामुदायिक एकता का जीवंत प्रतीक भी है।

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