आतंक का गढ़ हुआ करता था जम्मू-कश्मीर का यह जिला, अब नई दिशा की ओर बढ़ रहे युवा
Saturday, Nov 15, 2025-04:08 PM (IST)
शोपियां (मीर आफताब): दक्षिण कश्मीर का शोपियां जिला कभी आतंकवाद की गतिविधियों के लिए बदनाम रहा है, जहां हर साल कई स्थानीय युवा आतंकवादी संगठनों का हिस्सा बन जाते थे। मगर अब तस्वीर बदल चुकी है। आज यही युवा भारतीय सेना का हिस्सा बनकर देश की सेवा करने का सपना देख रहे हैं।
स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और उनके भविष्य को नई दिशा देने के उद्देश्य से सेना की 44वीं राष्ट्रीय राइफल्स ने शोपियां में एक अनूठी शैक्षिक पहल शुरू की है। इस पहल का मक़सद इच्छुक युवाओं को भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया की पूरी जानकारी देना और उन्हें शारीरिक, शैक्षिक तथा मानसिक रूप से तैयार करना है।

कार्यक्रम के तहत सेना के अधिकारी और प्रशिक्षक युवाओं को बुनियादी शिक्षा, शारीरिक मार्गदर्शन और नैतिक प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं। युवाओं को भर्ती प्रक्रिया, पात्रता मानदंड, सेना की विभिन्न परीक्षाओं तथा शारीरिक परीक्षणों की तैयारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
यह पहल केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि शोपियां के युवाओं में आत्मविश्वास जगाने और उनका दृष्टिकोण बदलने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। सैनिक युवाओं के साथ व्यक्तिगत बातचीत करते हैं, उन्हें मार्गदर्शन देते हैं और उनकी शंकाओं का समाधान करते हैं। इससे सेना और स्थानीय समुदाय के बीच विश्वास का रिश्ता और गहरा हुआ है।

कई युवाओं ने इस अवसर को “जीवन बदल देने वाला अनुभव” बताया है, जिसने उनके सामने नई संभावनाओं के दरवाज़े खोल दिए हैं। वे इसे अपने सपनों को साकार करने की दिशा में एक मजबूत पड़ाव मानते हैं। सेना की यह पहल शोपियां में आशा, परिवर्तन और प्रगति की नई कहानी लिख रही है। यह उदाहरण है कि कैसे शिक्षा, जागरूकता और सही मार्गदर्शन किसी क्षेत्र की तस्वीर बदल सकते हैं और चुनौतियों को अवसरों में बदल सकते हैं।
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