Heat Waves in Jammu-Kashmir: प्रदेश में गर्मी का कहर जारी, इन दिनों बारिश की सम्भावना
5/23/2024 7:55:14 PM
जम्मू: मौसम विभाग ने वीरवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में ‘हीट वेव’अगले छह दिनों तक जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 23-28 मई तक आमतौर पर शुष्क मौसम की उम्मीद है, हालांकि कुछेक स्थानों पर गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। 29-31 मई तक मौसम आंशिक रूप से बादल छाए रहने और अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि अगले छह दिनों के दौरान जम्मू डिवीजन और कश्मीर डिवीजन के मैदानी इलाकों में गर्मी जारी रहने की संभावना है। पहाड़ी जिलों में भी अगले छह दिनों के दौरान गर्म और शुष्क मौसम रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने भी लोगों से गर्मी के संपर्क में आने से बचने और विशेष रूप से कमजोर लोगों, बुजुर्गों, शिशुओं और बच्चों से तरल पदार्थ और पानी पीने का आग्रह किया है। इस बीच, रात के तापमान में भी बढ़ौतरी देखी जा रही है और श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। काजीगुंड में न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान 11.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं जम्मू में न्यूनतम तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस, बनिहाल में न्यूनतम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस, बटोत में 18.4 डिग्री सेल्सियस और भद्रवाह में 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
स्कूलों को दोपहर में सभाओं से बचने की सलाह
जम्मू और कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों को गर्मी से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए दोपहर में सभाओं से बचने की सलाह दी है। विभाग ने गर्मी से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए एक दिशा-निर्देश में स्कूलों को दोपहर में इकट्ठा होने से बचने के लिए कहा है। पीने के पानी और वाटर ब्रेक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। छात्रों को अपना सिर ढंकने के लिए भी कहा गया है।
जंगलों में भीषण आग लगने की संभावना
भीषण गर्मी में अगले 7 दिनों में वन क्षेत्रों में आग लगने का खतरा होने की संभावना है। लोगों से अनुरोध है कि त्वरित प्रतिक्रिया के लिए घटना (यदि कोई हो) पर 112 पर रिपोर्ट करें। इस संबंध में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डी.एम.ए.) ने वीरवार को अलर्ट जारी करते हुए कहा कि अगले सात दिनों के दौरान वन क्षेत्रों में भीषण आग लगने की संभावना है।