अमरनाथ यात्रियों के लिए सुकून भरी खबर, श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैयार हो रही विशेष प्रकार की टीम, देखें तस्वीरें

3/28/2024 6:51:05 PM

साम्बा: जम्मू-कश्मीर में जून महीने में देश की सबसे बड़ी श्री अमरनाथ जी की यात्रा की शुरूआत हो जाएगी जो कि लगभग 2 महीने तक चलेगी और देश भर से लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाएंगे और ऐसे में यात्रियों को रास्ते में आने वाली मुशिकलों से पार करवाने के लिए माऊंटेन रेस्क्यू टीम (एम.आर.टी.) लागतार जिला साम्बा के नड में प्रशिक्षण ले रही है ताकि वह पूरी तरह से यात्रियों की मदद करने में समक्ष हो सके। जम्मू-कश्मीर एम.आर.टी. टीम के इंजार्च राम सिंह सलाथिया और उनकी इंस्टक्टर की टीम इस समय जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान और लुधियाना पंजाब से एन.डी.आर.एफ. टीम को पहाड़ी इलाकों में पूरी तरह से प्रशिक्षण दे रहे हैं, ताकि व देश में होने वाली किसी भी आपदा से यह जवान पूरी आसानी से पार कर सकें और मुशिकल में फंसे लोगों की मदद कर सकें।



अमरनाथ यात्रा में मार्ग पर 13 के करीब एम.आर.टी. टीमें होंगी तैनात

जून महीने में शुरू होने वाली यात्रा के लिए लगभग 200 के करीब एम.आर.टी. जवान प्रत्येक जगहों पर तैनात किए जाएंगे जो कि किसी भी यात्री को परेशानी के दौरान उसकी मदद के लिए तत्पर रहेंगे और इसके लिए व लगातार मेहतन करके नई तकनीक और उपकरणों के साथ परीक्षण ले रहे हैं। हर साल की तरह इस बार भी 3880 मीटी ऊंचराई पर पवित्र गुफा के दोनों मार्गों पर चिंहित जगहों पर इन जवानों की तैनाती होगी। इंस्पैक्टर राम सिंह सलाथिया ने कहा कि देश भर से यात्री बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सकते हैं, क्योंकि उनकी टीम उन्हें यात्रा के दौरान पूरी सुविधा देगी और उनकी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष हजारों लोगों की मदद करने के लिए उनकी टीम मिसाल पेश कर चुकी है, जबकि 2022 की आपदा में भी बेहतर रोल अदा किया था।

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ट्रेनिंग के दौरान जवान सीखते हैं ये हुनर

जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के इन जवानों को किसी भी आपदा से निपटने के गुर सिखाए जा रहे हैं, जिसमें भूस्खलन, बाढ़, आग और सड़क हादसे में फंसे लोगों को निकालने के हुनर सिखाए जा रहे हैं। इसमें पहाड़ी की ऊंचाई पर रस्सी से पहुंचने के तरीके, किसी भी घायल को ऊंचाई से कैसे नीचे उतारना आदि शामिल है। वहीं इसके अलावा कुछ जवानों को मेडिकल की भी जरूरी ट्रेनिंग दी गई है ताकि किसी भी बिमार का प्राथमिक उपचार कर सकें।

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वर्ष 2008 में हुआ था एम.आर.टी. का गठन, पांच हजार के करीब जवानों व युवाओं को राम सिंह सलाथिया व उनकी टीम दे चुकी प्रशिक्षण

पहली बार एम.आर.टी. का गठन 2008 में किया गया था और उसे अमरनाथ यात्रा का हिस्सा बनाया गया था। पहली बार ही अच्छे काम के मिले रिस्पांस से टीम बेहतर होती गई और आज तक लगभग पांच हजार के करीब जवान, जिसमें हर प्रकार की बैस्ट फोर्स और सेना भी शामिल है, जबकि प्रत्येक जिला के लोकल युवा भी शामिल हैं। इसके इंजार्च इंस्टपैक्टर राम सिंह सलाथिया ने स्वंय भी एवरेस्ट फतेह किया है। सलाथिया की टीम में इस समय लगभग 50 इंस्ट्रक्टर पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं जो कि हर साल हजारों जवानों को ट्रेनिंग देते हैं। पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए इंस्पैक्टर राम सिंह सलाथिया ने कहा कि 2008 में इसकी शुरूआत हुई थी और अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस, एस.डी.आर.एफ., एन.डी.आर.एफ. सी.आर.पी.एफ., बी.एस.एफ. सहित कई तरह के लोगों को ट्रेनिंग दी है। उन्होंने कहा कि आज तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के 1300 जवान पूरी तरह से ट्रेन हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए हर जवान तैयार है।´

Neetu Bala

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