Breaking News: पुलिस को मिली बड़ी सफलता, आतंकवादियों के 9 मददगारों को किया गिरफ्तार
Monday, Aug 12, 2024-08:54 PM (IST)
कठुआ ( वरुण ) : जम्मू-कश्मीर के कठुआ की पुलिस को एक बड़ी सफतला हाथ लगी है। बता दें कि कठुआ पुलिस ने आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि कठुआ-बानी-किश्तवाड़ क्षेत्र में चार सैनिकों की हत्या और अन्य आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में शामिल नौ आतंकवादी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।
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पुलिस के अनुसार डोडा, ऊधमपुर व कठुआ में आतंकवादियों की बढ़ी गतिविधियों की पुलिस लगातार जांच कर रही थी। इन आतंकियों ने हाल ही में घुसपैठ की थी और गंदोह में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 3 आतंकियों को मार गिराने में सफलता भी हासिल की।
कुछ आतंकी डोडा, कठुआ, ऊधमपुर के ऊंचे पर्वतों तक पहुंचने में कामयाब हो गए जबकि बिलावर के बदनौता में बड़े आतंकी हमले को अंजाम देते हुए 4 जवानों को शहीद कर दिया। इन आतंकियों को मदद पहुंचाने के लिए लगातार मददगारों का एक माड्यूल काम कर रहा था जो आतंकियों को ठहरने, खाने और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था कर रहा था।
जब पुलिस ने जांच शुरू की तो मुख्य सरगना, जो आतंकियों को मदद पहुंचा रहा था, की पहचान मोहम्मद लतीफ उर्फ हाजी लतीफ पुत्र स्वर्गीय मीर निवासी अमबे नाल जिला कठुआ के रूप में हुई। इसके साथ 8 अन्य लोग आतंकियों को मदद पहुंचा रहे थे, उनकी भी पहचान की गई।
इसी मुख्य सरगना ने ओवर ग्राऊंड वर्करों का नैटवर्क बनाया हुआ था और यही गाइड और अन्य सुविधाएं आतंकवादी दल को क्षेत्र में मुहैया करवा रहा था। इसी ने दूसरों को गाइड के तौर पर इस्तेमाल किया जिन्होंने खाने-पीने एवं ठहरने की व्यवस्था की ताकि किसी की नजर में आतंकी न आएं।
पुलिस ने जिन 8 अन्य मददगारों को गिरफ्तार किया है उनमें अख्तर अली पुत्र स्वर्गीय राशिद निवासी अमबे नाल जिला कठुआ, सद्दम पुत्र स्वर्गीय बाजा निवासी भड्डू बिलावर, जिला कठुआ, कुशाल पुत्र स्व. बाजा निवासी भड्डू-बिलावर कठुआ, नूरानी पुत्र स्वर्गीय मीर निवासी जुठाना, राजबाग कठुआ, मकबूल पुत्र मोहम्मद लतीफ निवासी सोफियां, जिला कठुआ, लियाकत पुत्र हाजी ततीफ, कासिम दीन पुत्र शाहीन दीन और खादिम उर्फ काजी पुत्र बाजा निवासी कट्टल, भड्डू बिलावर के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि गर्मियों में पहाड़ों पर अपने पशु चराने गए 50 नागरिकों से पूछताछ की गई जिन्होंने विदेशी आतंकियों को खाना, रहने की सुविधा और अन्य सूचना मुहैया करवाई। इनमें से कुछ ने पुलिस का सहयोग किया और बताया कि आतंकियों ने उन्हें पैसे दिए। जिन नागरिकों ने पुलिस जांच में सहयोग किया, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि जिनके आतंकियां के साथ संबंध पाए गए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।