ATL ने जगाई नई सोच: J&K में 1.42 लाख विद्यार्थी कर रहे प्रयोग, केंद्र सरकार खर्च करेगी  1,391.84 करोड़ रुपए

Saturday, Sep 20, 2025-07:18 PM (IST)

जम्मू :  जम्मू-कश्मीर नवाचार के नए केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। केंद्र सरकार की प्रमुख अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) योजना के तहत अब तक केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में 127 लैब्स स्थापित की गई हैं। इनसे सीधे तौर पर 1.42 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिला है और पिछले 3 वर्षों में 5,334 नवाचार सामने आए हैं। जम्मू-कश्मीर के छात्र-छात्राओं ने कम लागत वाले कृषि उपकरणों से लेकर हैल्थ-टैक प्रोटोटाइप तक कई नए विचार और प्रोजैक्ट तैयार किए हैं। इनमें कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और शिक्षा से जुड़े स्थानीय चुनौतियों के समाधान भी शामिल हैं। शिक्षकों का कहना है कि इस पहल ने बच्चों में “रटने” की बजाय समस्या-समाधान की सोच विकसित की है।

सरकार ने जम्मू-कश्मीर के स्कूलों को अटल टिंकरिंग लैब्स के लिए लगभग 17.64 करोड़ रपए की अनुदान राशि जारी की है। इस राशि से रोबोटिक्स किट, 3D प्रिंटर, इलैक्ट्रॉनिक टूल्स और प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

देशभर में अब तक 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की गई हैं। इसमें महाराष्ट्र (1,033), तमिलनाडु (975) और उत्तर प्रदेश (955) सबसे आगे है। केंद्र ने इस परियोजना के लिए लगभग 1,391.84 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, जिनमें से लगभग 981 करोड़ रुपए का उपयोग हो चुका है।

आगे की योजना

शिक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि अब इस नैटवर्क का विस्तार सरकारी स्कूलों तक और अधिक किया जाएगा। विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर जैसे ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि अटल टिंकरिंग लैब्स सिर्फ प्रयोगशालाएं नहीं हैं, बल्कि नवाचार की नर्सरी हैं। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है।

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Content Editor

Neetu Bala

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