वायुसेना के 5 हैलीकॉप्टर परीक्षण दौरान जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतरे व उड़ान भरी

4/3/2024 10:31:14 AM

श्रीनगर: वायुसेना के 5 हैलीकॉप्टर आपातकालीन स्थिति में उतरने के अभ्यास के तहत जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतरे। यह जम्मू-कश्मीर में इस तरह का पहला अभ्यास था। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अमरीका निर्मित चिनूक हैलीकॉप्टर को भी इस अभ्यास में शामिल किया गया है जिसे हाल ही में बल में शामिल किया गया है। इस अभ्यास के बाद जम्मू-कश्मीर आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ई.एल.एफ.) वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान 3 ऐसे राज्य हैं जहां ई.एल.एफ. वर्तमान में उपलब्ध हैं।

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अधिकारियों के मुताबिक अमरीका निर्मित 2 चिनूक, रूस निर्मित एक एमआई-17 और 2 उन्नत हल्के हैलीकॉप्टर (ए.एल.एच.) सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात राजमार्ग के वानपोह-संगम मार्ग पर उतरे। यह राजमार्ग कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। उन्होंने बताया कि अभ्यास देर रात 2 बजकर 50 मिनट पर संपन्न हो गया जिस दौरान हैलीकॉप्टर राजमार्ग पर उतरे और जमीन पर पड़े सैनिकों को उठाने का अभ्यास किया।

अधिकारियों के मुताबिक अभ्यास बिना किसी परेशानी के संपन्न हुआ। आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के लिए 3.5 किलोमीटर लंबी पट्टी पर 2020 में काम शुरू हुआ था और यह पिछले साल पूरा हो गया। चिनूक हैलीकॉप्टर की अधिकतम गति 310 कि.मी. प्रति घंटा है। इसका उपयोग भारी वजन उठाने के लिए किया जाता है। मुख्य कैबिन में 33 से अधिक पूर्णतः सुसज्जित सैनिक बैठ सकते हैं। इसका उपयोग चिकित्सा निकासी के लिए भी किया जा सकता है और इसमें 24 स्ट्रैचर समायोजित किए जा सकते हैं।

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एमआई-17 हैलीकॉप्टर में 35 सैनिकों के बैठने की जगह है। ए.एल.एच. हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एच.ए.एल.) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित है और इसमें 2 इंजन हैं। इसका इस्तेमाल लोगों के हताहत होने पर उन्हें निकालने के लिए किया जाता है। इन हैलीकॉप्टरों को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है।

Sunita sarangal

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